नोएडा : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार 13 अप्रैल को प्रेरणा मीडिया संस्थान में एक गरिमामय आयोजन के अंतर्गत जाने-माने कवि एवं वरिष्ठ जीएसटी आयुक्त श्याम सुंदर पाठक द्वारा निर्मित पंचांग का विधिवत विमोचन किया गया। यह पंचांग न केवल समय गणना का माध्यम है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त प्रयास भी है।
इस विशेष अवसर पर देश के वरिष्ठ चिंतक, लेखक एवं पत्रकार बलबीर पुंज मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “पंचांग केवल कैलेंडर नहीं होता, यह समय का वह सूक्ष्म दर्शन है जो ऋषियों ने युगों पूर्व स्थापित किया था। इसमें खगोलीय गणनाओं के साथ-साथ सामाजिक और आध्यात्मिक संकेत भी छिपे होते हैं। श्याम सुंदर पाठक का यह प्रयास नई पीढ़ी को भारतीय वैचारिक धारा से जोड़ने का एक सराहनीय माध्यम है।”
मुख्य अतिथि अनिल पांडेय ने कहा, “आज जब हम अपनी सांस्कृतिक पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, तब ऐसे पंचांग समाज को आत्मस्मरण कराते हैं कि हमारी जड़ें कितनी गहरी और समृद्ध हैं। पाठक जी ने इस पंचांग में जो सूक्ष्म विवेचन किया है, वह इसे साधारण पंचांग से अलग और विशेष बनाता है।”
पंचांग की विशेषताएं: -
श्याम सुंदर पाठक द्वारा निर्मित यह पंचांग न केवल तिथियों, पर्वों और नक्षत्रों की जानकारी देता है, बल्कि प्रत्येक माह के प्रारंभ में प्रेरक उद्धरण, संस्कृतिक तथ्यों और धार्मिक प्रसंगों के माध्यम से पाठकों को आत्ममंथन का अवसर भी देता है। इसमें वर्णित योग, करण, मुहूर्त और ग्रह चाल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी प्रमाणिक हैं।
एक और अनोखी बात यह है कि पंचांग में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों व श्री रामचरितमानस की उपयोगी चौपाईयों का भी समावेश किया गया है।
श्यामसुंदर पाठक ने बताया, “यह पंचांग मात्र तिथियों का क्रम नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है। मैंने इसमें प्रयास किया है कि समय के साथ-साथ संस्कृति का भी बोध हो। गीता के श्लोकों को इस रूप में जोड़ना कि वे हमारे मासिक क्रियाकलापों से संवाद करें, यही इस पंचांग की आत्मा है।”
कार्यक्रम में नोएडा विकास प्राधिकरण की ACEO वंदना त्रिपाठी आईएएस ने भी श्याम सुंदर पाठक के पंचांग की प्रशंसा की।
विमोचन समारोह में राजधानी के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने पंचांग की सामग्री, भाषा-शैली और सांस्कृतिक प्रस्तुति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। प्रेरणा मीडिया संस्थान के निदेशक मंडल ने बताया कि यह पंचांग पूरे देश में वितरित किया जाएगा और डिजिटल रूप में भी उपलब्ध रहेगा, ताकि युवा वर्ग भी आसानी से इसे ग्रहण कर सके।
संस्कृति से जोड़ने का माध्यम: -
आज के समय में जब आधुनिक जीवनशैली में लोग भारतीय तिथियों और संस्कारों से कटते जा रहे हैं, ऐसे में यह पंचांग उन्हें न केवल धार्मिक तिथियों की जानकारी देगा, बल्कि मानव जीवन के मूल्यों की ओर भी उन्मुख करेगा। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट में हाल में लगी न्याय की मूर्ति के सृजनकर्ता विनोद गोस्वामी , लेखक शिवेश प्रताप और जाने-माने डॉक्टर आशीष भूषण सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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