नई दिल्ली : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार 6 अप्रैल को अपने 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर पर्वतीय लोकविकास समिति द्वारा तीनमूर्ति स्थित साउथ एवेन्यू के सांसद क्लब में वसंतोत्सव एवं राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एस. रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और सजग नागरिकों को भी ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट शिने पी. शशिधर ने कहा कि हिमालयी और पर्वतीय क्षेत्रों की युवा शक्ति प्रतिभा संपन्न है, सरकारों और स्वैच्छिक संस्थाओं को इनकी कौशल वृद्धि के ठोस प्रयास करने चाहिए।
अतिविशिष्ट अतिथि संसदीय संस्कृत परिषद के अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के डॉ गोस्वामी गिरधारी लाल प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि हिमालय और गंगा जैसे अक्षय प्राकृतिक वरदानों और उत्तरायणी जैसे महापर्वों ने देवभूमि के समाज को पहचान देने के साथ एकजुट करने का भी कार्य किया है।
शीर्ष पत्रकार, राज्य आंदोलनकारी और भाजपा हिमालय परिवार के राष्ट्रीय प्रभारी उदय शर्मा ने कहा कि भौतिक और व्यावसायिक समृद्धि के साथ जागरूक और स्वाभिमानी समाज अपनी बोली भाषा और लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए भी संकल्पित होता है। पर्वतीय लोकविकास समिति इसी प्रकार के समाज जागरण और सरकारों को चेताने का कार्य कर रही है।
लेखिका और हिमांगी पत्रिका की संपादक डॉ सुनीति रावत ने कहा कि देवभूमि की मातृशक्ति और युवाशक्ति ही वहां लोगों के उन्नयन और कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
इस अवसर पर समाजसेवी लाखीराम डबराल, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और उत्तराखंड भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य एडवोकेट संजय शर्मा दरमोड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह में विशिष्ट विभूतियों को राष्ट्र गौरव, हिमालय गौरव और दिल्ली गौरव सम्मान प्रदान किए गए। उत्तराखंड से आए भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामकृष्ण भट्ट, जम्मू कश्मीर से आए कुलदीप कश्मीरी, हिमाचल प्रदेश के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता विजय डोगरा, दिल्ली के शिक्षाविद और शीर्ष समाजसेवी लाखीराम डबराल, हरियाणा से पधारी लेखिका डॉ. सुनीति रावत, उत्तर प्रदेश के वैशाली के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ शिवानंद डंगवाल, अलकनंदा पत्रिका के संपादक वरिष्ठ पत्रकार विनोद ढौंडियाल और दिल्ली विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्राध्यापक प्रो गोपाल सती और NTPC के पूर्व प्रबंधक कुंदन सिंह रौथान को राष्ट्र गौरव सम्मान प्रदान किया गया।
इसी प्रकार विजय भट्ट, राकेश कुमार शर्मा, रविन्द्र कौल, भूपाल चन्द, घनश्याम रस्तौगी, सोहन सिंह भंडारी, जया और ध्रुव कांडपाल को हिमालय गौरव सम्मान प्रदान किया गया।
समारोह का संचालन करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में मीडिया सलाहकार और पर्वतीय लोकविकास समिति के अध्यक्ष प्रो. सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि पिछले 21 वर्षों की यात्रा में पर्वतीय लोकविकास समिति ने उत्तराखंड सहित हिमालयी राज्यों में मूल निवासियों के लिए आयु और अवसर की छूट, उत्तरायणी को राष्ट्रीय पर्व, खतलिंग को पांचवें धाम की मान्यता और जनसंख्या के बजाय भौगोलिक आधार पर परिसीमन की मांग जैसे बड़े मुद्दों को उठाया है। समिति दिल्ली की नवनिर्वाचित रेखा गुप्ता सरकार से उत्तरायणी पर सार्वजनिक अवकाश और दिल्ली की गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा अकादमी में पहाड़ी भाषा के विशेषज्ञ अधिकारी की नियुक्ति की मांग कर रही है।
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