ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। बुधवार 4 सितंबर को एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे पर वृंदावन से पधारे अंतर्राष्ट्रीय सूर्यवंशी अखाड़े से महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 तारासुत मनुश्री सिद्धनाथ महाराज ने अपने शिष्यों एवं अन्य साधु संतों के साथ पिंकी चौधरी के मामले पर सरकार और अदालत का ध्यान आकर्षित करने हेतु एक प्रेस वार्ता की। 

प्रेस वार्ता में उन्होंने मीडिया कर्मियों के सामने अपने विचार रखते हुए कहा की बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार से आहत होकर एक सनातनी ने देश में अवैध रूप से रह रहे दूसरे समुदाय के लोगों पर गुस्सा दिखाते हुए उनको वहां से भगाने का कार्य किया। जिस समय वह उनको वहां से भगा रहे थे। उस समय के कई वीडियो भी वायरल हुये। जिसमें वह और उनके कुछ साथी कुछ छोटे-छोटे डंडे लेकर  उनके टेंट पर मारते हुए दिखाई दे रहे थे। कुछ डंडे इन्होंने उन लोगों  पे भी मारे, जो वहां अवैध रूप से त्रिपाल और पन्नी की झुग्गीयां बनाकर रह रहे थे। प्रशासन ने शांति भंग करने के आरोप में उनको उठाकर अंदर बंद कर दिया। 

महाराज जी ने कहा कि हम संविधान और देश के कानून में विश्वास करने वाले लोग हैं। हमारी कानून से और सरकार से यही प्रार्थना है की पिंकी चौधरी ने कोई इतनी बड़ी गलती नहीं की है, जिसकी जमानत ही ना हो सके। उनके हाथ में केवल छोटे-छोटे डंडे थे, कोई धारदार या घातक हथियार नहीं थे।

महाराज एवं अन्य साधु संतों ने पिंकी चौधरी को जल्द से जल्द जमानत देने और न्याय देने की सरकार और अदालत से मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई। 

उन्होंने कहा कि हमें सरकार पर और अपने देश के कानून पर पूरा भरोसा है। हमें दोनों से उम्मीद है कि वह इस मामले की जल्दी ही छानबीन करके न्याय करेंगे। हमारा अनुरोध है कि जब तक केस में न्याय नहीं हो जाता। तब तक के लिए पिंकी चौधरी को जमानत पर रिहा किया जाए।

आतंकवादियों के लिए अदालत आधी रात में खुल जाती है। उनका केस भी फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाता है। लेकिन क्या इस मामले में न्याय में थोड़ी शीघ्रता नहीं हो सकती। यदि न्याय में विलंब हो भी रहा है तो तब तक के लिए पिंकी चौधरी को जमानत तो मिल ही जानी चाहिए।

अंत में महाराज जी और उनके शिष्य तथा अन्य साधु संतों ने मीडिया का आभार जताया और सनातन को जगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा भारत में जो भी जन्मा है वह भारतीय है, सनातनी है। उसे अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा भारत में रह रहे हर नागरिक की स्थिति इतनी दयानियां नहीं है कि उन्हें त्रिपाल या पन्नीयों की झुग्गीयां बनाकर रहना पड़े। शहर में या शहर के बाहर जो लोग इस तरह की झुग्गीयां बनाकर रह रहे हैं, उनकी जांच होनी चाहिए।

प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय सूर्यवंशी अखाड़े से महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 तारासुत मनुश्री सिद्धनाथ महाराज, स्वामी जीनऋषि महाराज, मनुजानन्द सिद्धनाथ, शुभ सिद्धनाथ, अन्नु सिद्धनाथ, राजेन्दर सिद्धनाथ, सौरभ सिद्धनाथ, बाबू सिद्धनाथ आदि सम्मिलित हुए।



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