नई दिल्ली : बृजेश कुमार। विश्व हिन्दू परिषद के संस्कृत आयाम द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नई दिल्ली के वसंत विहार स्थित ललित महाजन सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अखिल भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ग का उदघाटन विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक और आयाम के पालक अधिकारी दिनेश चंद्र ने किया।
इस अखिल भारतीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग में भारत के 12 प्रांतों-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से शिविरार्थी प्रशिक्षण लेने आए हैं।
वर्ग के सर्वाधिकारी और राष्ट्रीय संस्कृत आयाम प्रमुख प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा गेहे-गेहे संस्कृतम् के साथ वेद वेदांग, षडदर्शन और भारतीय ज्ञान परंपरा को समाज तक पहुंचाना हमारे आयाम का मुख्य ध्येय है। वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ इन्हें सहज सरल भाषा में सभी तक सुलभ करवाने के लिए आयाम प्रतिबद्ध है।
विश्व हिन्दू परिषद के सह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे ने कहा कि पूज्य अशोक सिंहल जी के समय से ही विहिप ने हिन्दू समाज में धर्म जागृति, अधिकार संरक्षण और सामाजिक समरसता का संकल्प लिया है। जिसमें अपेक्षित परिणाम मिले हैं।
अतिविशिष्ट अतिथि श्री लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने संस्कृत के विद्वानों, शोधार्थियों और अनुरागियों से आग्रह किया कि हर स्तर पर संस्कृत को सामान्य लोक के जन- जन तक पहुंचाएं।
अखिल भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग के वर्गाधिकारी प्रो. गणेश दत्त भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान हिंसक, भ्रष्ट, स्वार्थी और अवसरवादी युग में संस्कारित और मानवोचित जीवन व्यवहार जीने की सीख और ठोस मार्ग संस्कृत ही दिखा सकती है।
अखिल भारतीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग के स्वरूप के विषय में विहिप संस्कृत आयाम के सह प्रमुख डॉ दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत के प्रशिक्षण हेतु देश के गांव-गांव और नगर-नगर तक प्रशिक्षक सुलभ करवाने का हमारा प्रयत्न है। विभिन्न बौद्धिक सत्रों में देश के शीर्ष विशेषज्ञ विद्वान विभिन्न विषयों पर अपना बौद्धिक देंगे।
इस वर्ग में व्यवस्था प्रमुख कौशल शर्मा, बौद्धिक प्रमुख डॉ कृष्ण चंद्र पांडेय और विभिन्न व्यवस्थाओं में संलग्न डॉ अश्विनी शर्मा, डॉ पंकज सेमल्टी, गीता आर्य, शिव कुमार शास्त्री, डॉ दुर्गेश मिश्र, तुषार बनर्जी और आचार्य हरि कृष्ण नौटियाल आदि महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस अखिल भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग में संभाषण के प्रशिक्षकों में आचार्य सूर्यमोहन भट्ट, डॉ चितरंजन दयाल सिंह कौशल, डॉ सूर्यमणि भंडारी, डॉ प्रवेश व्यास, डॉ योगेंद्र शर्मा, डॉ नवीन पांडे और डॉ दीपक वशिष्ठ और विजय कुमार आदि प्रमुख हैं।
विहिप के संस्कृत आयाम के राष्ट्रीय संयोजक डॉ सूर्य प्रकाश सेमवाल ने बताया कि आयाम अस्सी के दशक के आखिर से देश के नवनिर्वाचित सांसदों को संस्कृत भाषा में शपथ लेने का आग्रह करता रहा है और ऐसे दर्जनों सांसदों का आयाम ने सार्वजनिक अभिनंदन भी किया है। 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों सहित सभी नवनिर्वाचित सांसदों से पुनः संस्कृत भाषा में शपथ लेने का आग्रह करेंगे।
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