बीकानेर : बृजेश कुमार। रविवार 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 71वीं पुण्यतिथि पर बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के सामने डॉक्टर श्यामा प्रसाद स्मृति मंदिर स्मारक स्थल पर निर्माणाधीन कार्य के चलते डॉ श्यामाप्रसाद बलिदान दिवस समारोह ओम सोनगरा के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जेठानंद जी व्यास विधायक बीकानेर पश्चिम और विशिष्ट अतिथि बिहारी लाल बिश्नोई पूर्व विधायक नोखा उपस्थित रहे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति मंदिर की प्रवक्ता पार्षद सुधा आचार्य ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ भारत माता, डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी तथा दीनदयाल के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि स्वरूप श्रद्धांजलि अर्पित करके किया गया।

विधायक जेठानंद व्यास ने उपस्थित संगठन पदाधिकारी, कार्यकर्ता और उपस्थित बंधुगण को आह्वान करते हुए कहा कि सभी को श्यामाप्रसाद की जीवनी को पढ़कर उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए और उसी अनुरूप राष्ट्रहित में कार्यों को संपादित करना चाहिए। यही सच्ची श्रद्धांजलि है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति मंदिर के तत्वावधान में अभी तक श्यामा प्रसाद जी के जीवन पर आधारित 1000 पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण किया जा चुका है। 

नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि बाल्य काल से ही श्यामा प्रसाद जी के दिए हुए नारे "एक राष्ट्र में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान, नहीं चलेंगे" सुनते आ रहे हैं, लगाते आ रहे हैं। युवावस्था आने पर राष्ट्रहित में इन नारों का तात्पर्य समझ आया और आज परिणाम हमारे सबके सामने हैं कि कश्मीर से धारा 370 हट चुकी है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति के निर्माणाधीन मंदिर की अभी तक की यात्रा का संपूर्ण वृतांत ओम सोमग्र ने बताते हुए कहा कि सन 2010 से चल रही निर्माण यात्रा अब अंतिम सोपान पर है। 11 फरवरी 2025 को मूर्ति का अनावरण का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा।

लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने फोन पर अपने शब्दों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की, क्योंकि वे जयपुर के रास्ते में थे।कार्यक्रम का संचालन श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति मंदिर की प्रवक्ता सुधा आचार्य ने किया तथा कालूराम उपाध्याय ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में संरक्षक भंवरलाल पारीक अध्यक्ष, कालूराम जी, विजय कोचर, प्रेम सिंह बलौदा, प्रोफेसर आर एस कच्छावा आदि ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम में भगवती प्रसाद गौड, बसंत कुमार शर्मा, पृथ्वीराज सिंह राजपुरोहित, जुगल पुरोहित, नंदलाल सेवक, संजीव झालानी,जुगल,जोशी, हरीश भोजक, पंकज भोजक, ओम जी तिवारी, पूनम जी सिद्धू, बनवारी लाल शर्मा,अर्जुन सिंह, सुधीर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।



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