देहरादून : शुभांगी। सौरमंडल में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह इस समय मिथुन राशि में हैं और 29 जून 2024 तक इसी राशि में रहेंगे। बुध का अपनी ही राशि मिथुन में रहना इन 4 राशि वालों के लिए बड़े नुकसान के योग बना रहा है।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल "दैवज्ञ" बताते हैं कि बुध आने वाले 29 जून 2024 तक मिथुन राशि में ही रहेंगे। इसके बाद बुध गोचर करके कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध का मिथुन राशि में संचरण का सभी राशियों पर असर होगा। वहीं इन 4 राशि वालों के लिए यह समय बहुत अशुभ फल दे सकता है। इन लोगों के लिए 29 जून तक का समय बहुत मुश्किल साबित हो सकता है। इन लोगों को धन हानि हो सकती है, दुश्मन परेशान कर सकते हैं, बीमारी या दुर्घटना की भी आशंका है।
कर्क राशि: -
कर्क राशि वालों को 29 जून तक का समय मुश्किल भरा साबित हो सकता है। धन हानि हो सकती है जिससे आपको पैसों की तंगी महसूस होगी। खर्च भी ज्यादा होगा। कुछ जातकों को कर्ज या उधार मांगने की नौबत आ सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बेहतर है कि देखभाल कर खर्च करें। विवाद या बहस से भी बचें।
वृश्चिक राशि: -
आपके पास पैसा आएगा लेकिन आप उससे संतुष्ट नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में गलती से भी अनैतिक कार्य के जरिए पैसे कमाने की ना सोचें। गलत तरीके से कमाया धन बड़ा नुकसान करवा सकता है। कोई भी नियम ना तोड़ें ना ही गलत काम करें। कोई सहकर्मी आपको ईर्ष्यावश नुकसान पहुंचा सकता है। मैरिड लाइफ में उतार-चढ़ाव रहेंगे।
मकर राशि: -
बुध का राशि परिवर्तन मकर राशि वालों के जीवन में कई चुनौतियां ला सकता है। सबसे ज्यादा समस्या आपके स्वभाव को लेकर हो सकती है। बेवजह का गुस्सा, आक्रामकता आपके रिश्ते भी बिगाड़ेंगे और करियर में भी समस्या दे सकते हैं। अपनी वाणी पर काबू रखें, साथ ही धैर्य रखें। विवादों से बचकर रहें।
मीन राशि: -
यह समय आपसे गलत फैसले करवा सकता है। इसलिए इस दौरान बड़े फैसले लेने से बचें। जॉब - बिजनेस में बदलाव करने के लिए यह समय अच्छा नहीं है, थोड़ा इंतजार करें। लव पार्टनर पर शक ना करें, बेहतर है कि मसले बातचीत से सुलझाएं। तनाव रहेगा। इस दौरान कर्ज या उधार ना लें। यह लंबे समय तक चलेगा और आपकी छवि भी खराब करेगा।
ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ आचार्य दैवज्ञ बताते हैं कि यह फलादेश व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति क्या है, इस पर विशेष रूप से निर्भर करेगा। इसलिए जिस प्रकार समय-समय पर शरीर की क्रियाओं की जांच के लिए पैथोलॉजी जांच आवश्यक हो जाती है। उसी प्रकार कुंडली की जांच भी कराते रहना चाहिए।
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