ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार 26 मई को मोहननगर स्थित तकनीकी शिक्षा के रूप में प्रख्यात प्रमुख केंद्र आइटीएस कॉलेज के ऑडिटोरियम में विश्व संवाद केंद्र मेरठ द्वारा ग़ाज़ियाबाद में देवर्षि नारद जयंती एवं हिंदी पत्रकारिता दिवस समारोह आयोजित किया गया।
"देवर्षि नारद जयंती व हिंदी पत्रकारिता दिवस समारोह" कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथिगण द्वरा दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात विवेक द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तावना से किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि नूपुर जे शर्मा (प्रमुख संपादक ऑपइंडिया), मुख्य वक्ता अनंत विजय (एसोसियेट संपादक, दैनिक जागरण) व आशुतोष भटनागर (निदेशक जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र) ने पत्रकारिता के विषय में व नारद जयंती के सम्मान में अपने विचार रखे। जिसमें उन्होंने चार प्रमुख स्तम्भों में से एक पत्रकारिता के साथ-साथ कई पहलुओं पर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया।
नूपुर जे शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जो बिंदास लिखते हैं, उन सभी पत्रकारों को प्रताड़ित किया जाता है। यह उनका दुर्भाग्य है और इससे उनको बड़ी समस्या होती है। टीवी न्यूज चैनल के शर्मनाक एजेण्डा और पत्रकारों का पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करना दुर्भाग्य का विषय है। जहाँ एक तरफ जेहाद के नाम पर उत्पात करने वाले आरोपी को पीड़ित घोषित करने का प्रयास एवं उसपर रिपोर्टिंग होती है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित व उनके परिजनों से सच्चाई व उनकी पीड़ा जानने का प्रयास भी नहीं होता। जो पत्रकार हिंदू पक्ष में लिखते हैं उनको प्रताड़ित किया जाता है। पत्रकारिता में सच को सच ही कहना चाहिए परंतु कुछ धर्म निरपेक्षता के कारण पत्रकार सच नहीं लिख पाते हैं। दिल्ली दंगा सहित कुछ अन्य घटनाक्रम के उदाहरणों से समझाया। जिज्ञासा का समाधान करते हुए नूपुर जे शर्मा ने कहा कि पत्रकारों को सच के साथ ही आगे बढ़ना चाहिए। चाहें कोई भी विपत्ति क्यों न आए और इससे ही हम आगे बढ़ते है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अनंत विजय ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता में पारदर्शिता की समस्या केवल पत्रकारिता में ही नहीं बल्कि शिक्षा की भी समस्या है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब किसी बात को समझ लेते हैं यो उसको ज्ञान कहते हैं और जब किसी बात को स्वीकार कर लेते हैं उसको विश्वास कहते हैं। पत्रकारों को इन्हीं दोनों रेखाओं में कार्य करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। पत्रकार अभी के समय में शोध करने में थोड़ा संकोच करते हैं और प्राइमरी सूचना के स्रोत तक नहीं पहुँचते हैं। पत्रकारों को शोध पर ध्यान देना चाहिए और प्राइमरी स्रोत तक पहुँचना चाहिए।
नारद जयंती की महत्वता बताते हुए आशुतोष भटनागर ने कहा कि देवर्षि नारद कोई एक व्यक्ति नहीं, ये एक उपाधि है। एक गुण और मूल्यों को मिलाकर कहें तो पत्रकारिता में सम्मानित देवर्षि नारद है। इन्हीं मूल्यों और गुण को सभी पत्रकार अपनाएं और आगे बढ़ें। आज भी पत्रकारिता में एक बड़ा हिस्सा इन्हीं मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है और निडरता से भ्रष्टाचार की सूचनाओं को प्रसारित कर रहे हैं।
पत्रकारिता से जुड़े बंधुओं और भगिनी के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर उनके सवालों के जवाब दिए।
कार्यक्रम में मंच संचालन आशीष ने किया व इसका समापन अखिलेश (ग़ाज़ियाबाद विभाग प्रचार प्रमुख) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात बहन मानसी के वंदेमातरम गायन से हुआ। कार्यक्रम में विभाग कार्यवाह देवेंद्र और व्यवस्था के बंधु करुण, अमित, वीरेंद्र, तुषार और अन्य बंधु उपस्थित रहे।
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