नई दिल्ली : बृजेश कुमार। देश के हिमालयी राज्यों और भारतीय गांवों के बाल, महिला, युवा एवं बुजुर्गों के कल्याण में संलग्न 2005 में स्थापित पर्वतीय लोकविकास समिति विगत दो दशकों से प्रभावी सेवा कार्य कर रही है। डॉ मुरली मनोहर जोशी, कृष्ण चंद्र पंत, सुंदरलाल बहुगुणा, शांता कुमार, डॉ कर्ण सिंह और पीए संगमा जैसे व्यक्तित्वों की प्रेरणा से नई दिल्ली में स्थापित इस संस्था के संरक्षक पर्यावरणविद पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, सुरेंद्र सिंह पांगती, कुलानंद भारतीय, प्रो पुष्पेश पंत, राधा भट्ट, विमला, लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, पद्मश्री प्रो श्याम सिंह शशि और कविरत्न डॉ श्रीकृष्ण सेमवाल आदि रहे हैं। समिति के संस्थापक महासचिव सूर्य प्रकाश सेमवाल थे तो इसके प्रथम अध्यक्ष दिल्ली में उन दिनों लोकप्रिय और चर्चित राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षा अधिकारी विष्णु लाल टम्टा।
समिति ने प्रकृति के सम्मान और पर्यावरण चेतना से जुड़े विषयों को मुख्य केंद्रबिंदु बनाते हुए टिहरी बांध के ऊपर से जीरो ब्रिज के लंबे रास्ते के बजाय स्थानीय लोगों के लिए बांध के ऊपर से ही आवागमन की मांग की। 2005 से लगातार राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान चलाकर उत्तरायणी को पहाड़ का सर्वमान्य और देश में पर्यावरण चेतना का राष्ट्रीय पर्व बनाया। उत्तराखंड राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में मूलनिवासियों के लिए आयु सीमा में वृद्धि के लिए अभियान छेड़ा, जिसके उपरांत राज्य की विजय बहुगुणा सरकार ने आयु सीमा को 42 वर्ष तक किया। समिति ने अमर हुतात्मा श्रीदेव सुमन की स्मृति में केंद्र सरकार से डाक टिकट जारी करने का आग्रह और सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा को भारतरत्न देने के लिए अभियान चलाया है। निशंक सरकार के समय पूरे पहाड़ में प्रस्तावित 56 बांधों और भिलंगना घाटी में खतलिंग के नीचे से घुत्तू तक प्रस्तावित आधा दर्जन से अधिक बांधों का तीव्र विरोध किया और सरकार को इन बांधों की योजना स्थगित करनी पड़ी। भिलंगना घाटी से अंतिम गांव गंगी के आगे 80 के दशक में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी द्वारा प्रवर्तित खतलिंग महायात्रा को हिमालय जागरण महायात्रा के रूप में प्रतिवर्ष दिल्ली से संचालित किया जा रहा है। हिमालयी राज्यों की मौलिक और लोकसंस्कृति से जुड़ी विधाओं को प्रोत्साहन दिया। उत्तरायणी पर जहां एक ओर हिमालय और गंगा यमुना के संरक्षण के संकल्प के साथ सृष्टि रक्षा महायज्ञ प्रारंभ किए वहीं राष्ट्र गौरव सम्मान, हिमालय गौरव सम्मान और दिल्ली गौरव सम्मान भी प्रारंभ किए। समिति ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस और अपने स्थापना दिवस पर पर्वत गौरव, उत्तराखंड गौरव और हिम उत्तरायणी सम्मान शुरू किए। दिल्ली में संस्कृत, हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा के कवि सम्मेलनों के साथ माधो सिंह भंडारी, जीतू बगडवाल और चक्रव्यूह जैसे लोकनाट्य का मंचन किया गया। पर्वतीय लोकविकास समिति के वार्षिक कैलेंडर में राष्ट्रीय उत्तरायणी महोत्सव, पद्मविभूषण डॉ मुरली मनोहर जोशी अमृतोत्सव, भारतीय नववर्ष प्रतिपदा, महिला दिवस, वसंतोत्सव, पर्यावरण दिवस, इंद्रमणि बडोनी जयंती और पुण्यतिथि, श्रीदेव सुमन जयंती और स्मृति दिवस, सुंदरलाल बहुगुणा जयंती और स्मृति दिवस, उत्तराखण्ड, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव, बाल दिवस समारोह, भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी और वीर चंद्रसिंह गढ़वाली स्मृति दिवस, ग्राम सम्मेलन और शिक्षक एवं छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम और गतिविधियां सम्मिलित हैं। दिल्ली सहित देश के अन्य हिमालयी राज्यों और उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में समिति के माध्यम से कई प्रोजेक्ट लगे हैं। उत्तराखंड के टिहरी जनपद में भी समिति विभिन्न अवसरों पर बड़े आयोजन करती रही है।
वर्ष 2024 से 2026 तक के लिए पर्वतीय लोकविकास समिति की जो नई कार्यकारिणी गठित हुई है। उसमें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार में मीडिया सलाहकार सूर्य प्रकाश सेमवाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष, चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश्वर पैन्यूली को चेयरमैन और दीवान सिंह रावत को महासचिव बनाया गया है। संरक्षक मंडल में पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, पद्मश्री श्याम सिंह 'शशि', पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल, पद्मश्री डॉ प्रीतम भरत्वाण, वीरेन्द्र दत्त सेमवाल, परामर्शी मंडल में प्रो नवीन चंद्र लोहनी, डॉ.(श्रीमती) सुनीति रावत, एडवोकेट संजय शर्मा दरमोड़ा, विनोद नौटियाल और दिनेश डिमरी शामिल हैं। प्रो सुषमा चौधरी-वरिष्ठ उपाध्यक्ष, शशिमोहन शर्मा -उपाध्यक्ष, दिवान सिंह रावत-महासचिव, महावीर नैनवाल-कोषाध्यक्ष, विपिन थपलियाल-संगठन सचिव, बीर सिंह राणा-सांस्कृतिक सचिव, रमेश कुमार मुमुक्षु-संयोजक, जगदीश शर्मा-सह संयोजक, वीरेंद्र प्रसाद पैन्यूली-सचिव, बिजेंद्र रावत 'दगड्या', डॉ ग्रीन अवस्थी, चिदानंद देब, अमन बर्तवाल, भगत सिंह राणा, ज्योति प्रसाद नौटियाल, भीम सिंह गुसाईं, आलोचन पुरोहित, राजीव कुमार भारती और खाचू ताशी कार्यकारिणी सदस्य चुने गए हैं।
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