ग़ाज़ियाबाद : बृजेश कुमार। भारत रत्न चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया।

गाँव की एक फूस-मिट्टी की ढाणी में जन्मा एक बच्चा गाँव, गरीब व किसानों का तारणहार बना। गाँव व गरीब के लिये जीवन समर्पित कर दिया। उनका मसीहा बना, स्वतन्त्रता सेनानी से लेकर प्रधानमंत्री तक बना। चौधरी चरण सिंह ने ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की और आह्वान किया कि भ्रष्टाचार का अंत ही देश को आगे ले जा सकता है। किसान अपनी मेहनत से धरती का सीना चीरकर अन्न रुपी सोना उगाता है। आज़ादी के बाद किसानों की स्थिति में सुधार के लिए काफी लोगों ने काम किया था। उन्हीं में से एक व्यक्ति थे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह।

किसान इस देश का मालिक है परन्तु वह अपनी ताकत को भूल बैठा। देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों एवं खलिहानों से होकर गुजरता है।

माथे पर पसीना, पैरों में छाले हैं

ये कोई और नहीं, अन्नदाता हैं हमारे।

त्याग और तपस्या की मूरत हैं

इनकी मेहनत से चमकती देश की सूरत है

चीरकर धरा का सीना, नये अंकुर उगाते हैं

उगाकर अन्न मेहनत से, हमें भोजन खिलाते हैं

कभी सूखा, कभी बारिश कभी मौसम की बेरहमी

चमक आंखों में लिए फिर भी नयी फसलें उगाते हैं॥

इस अवसर पर रालोद के जिलाध्यक्ष अमित त्यागी, डॉ रेखा चौधरी (महानगर अध्यक्ष), श्वेता सिंह, ओडी त्यागी (प्रदेश सचिव) अमित (आरके), प्रदीप त्यागी, रामकुमार पवाँर, जगराज सिंह बालियाँन, संजय, ब्रजपाल तेवतिया, अमित त्यागी (लोनी) आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



Share To:

Post A Comment: