आडवाणी की समस्तीपुर में यात्रा को रोक कर गिरफ्तारी, देशभर के राम सेवकों के बलिदान, हनुमान घड़ी के पास दो भाई राम कोठारी तथा शरद कोठारी सहित सैकड़ों रामभक्तो के खून से लहू लुहान धरती के विरुद्ध जन आक्रोश ने 6 दिसंबर 1992 की घटना को जन्म दिया। संतो जैसे सैकड़ों कारसेवक 5000 सत्याग्रहियों को लेकर टूट पड़े। कोई नेताओं की सुनने वाला नहीं था। हर शख्स राम की सेना के रूप में था। निर्दोषों के सीने पर गोली, तरह तरह के जुल्म के प्रतिशोध ने राम मंदिर के कानून सम्मत निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
रविवार 14 जनवरी 2024 को गाजियाबाद में कलकत्ता के कोठारी बंधुओ की बड़ी बहन का बड़ा ही मार्मिक अभिनंदन सम्मान हुआ। कोठारी बंधु शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। सत्याग्रहियों का सम्मान किया गया।
अयोध्या में राम मंदिर तो बन गया। मोदी एवम योगी के संकल्प को सदियों तक याद किया जायेगा।
प्रभु राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर राम द्रोहियो के सवाल क्यों?
अशोक गोयल
राम भक्त
Post A Comment: