ग्रेटर नोएडा : प्रदीप तिवारी। सोचिए। 4 बच्चों की माँ, एक मुस्लिम महिला पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत पहुँच जाती है, अपने से कई साल छोटे पबजी वाले प्रेमी से मिलने। जबकि जितना मुझे जानकारी है पबजी 2020 में भारत मे बैन हो गया था।

मीडिया और एक विशेष वर्ग उसको हीरो हीरोइन बना देता है, वीरजारा की कहानी बना देता है।

सब एक ही भेड़ चाल में चल रहे है। पत्रकार दिन भर माइक ले कर हीरोइन का इंटरव्यू ले रहे है । पुलिस, खुफिया एजेंसी raw, cbi,, सीमा सुरक्षा वाले, बड़े बड़े अधिकारी, देशप्रेमी, लीडर कहाँ हैं?

सीमा हैदर खुद को 5वी पास बताती है, पर्दे में रहने वाली महिला को इतना कॉन्फिडेंस कैसे की चार बच्चों को साथ मे ले कर चल दी?? इतनी देशों की सुरक्षा व्यवस्था को चकमा दे दिया एक साधारण महिला ने?

बताया जा रहा है कि पब्जी की शौकीन सीमा के पास 3 मोबाइल और कई सिम भी हैं। आखिर 4 बच्चों की माँ को इतना समय और जानकारी कैसे मिल जाती होगी?

क्या सीमा के पास 5 देशों के पासपोर्ट हैं? आखिर किस अमीर ख़ानदान और बिजनेस से सम्बंधित थी सीमा की उसके गयाब होने पर भी उसकी खोजबीन नहीं हुई?

फर्राटेदार इंगलिश के साथ हिंदी भी बोलना, भाषा मे उर्दू लफ्जों का बहुत कम प्रयोग होना। 

सीमा एक इंटरव्यू में  नमाज के कलमे तक नहीं सुना पायी, ना ही वो  ज्यादा नमाज पढ़ती है ये उसका कहना है।

आते ही एक दम ठेठ हिंदुस्तानी नारी जैसे, साड़ी, नमस्ते, कैमरे के सामने बिंदास अंदाज, दूसरे देश, दूसरे परवेश से आने के बाद भी कोई झिझक नहीं कोई डर नहीं? आखिर कैसे?

जिस देश मे भारत और हिन्दू धर्म के खिलाफ़ इतनी नफरत बोयी जाती है वहाँ से आकर एक दम राधे राधे नाम जपना, तुलसी जी को पानी देना, सिंदूर, मंगसूत्र को अपनाना गले नहीं उतर रहा।

बार बार भारत की नागरिकता की मांग करना जैसे कि यहाँ की नागरिकता रेवड़ी मूगफली हो।

आज के आधुनिक दौर में जहाँ शक्ल सूरत, पैसा समाजिक पहचान सबसे जरूरी है तो सचिन नाम का एक मामूली से लड़के पर कौन से हीरे जवाहरात की खदान इन मैडम को दिखी की लाखों खर्च कर एक झोपड़ी में पहुच गयी।

मीडिया इंटरव्यू में ये सचिन इतना खोया खोया और डरा सहमा क्यों नजर आता है। इंटरव्यू के समय क्यों सीमा की नजर सचिन पर होती है?

सीमा के कथित पति का एक वीडयो सोशल मीडिया पर तैर रहा है जो बिल्कुल बनावटी लग रहा है। 

कई महान लोग उत्सव मना रहे हैं कि एक मुस्लिम महिला हिन्दू बन गयी, खुशी मनाई जा रही है कि 5 हिन्दू बन गये। मूर्खता की चरम सीमा देखिये कि सीमा को भारत की नागरिकता दिलाने के लिये शोशल मीडिया पर अभियान तक छेड़ दिया गया है।

मेरा सवाल सीमा हैदर के स्वागत करने वालो से क्या आपने कभी मानव बम का नाम सुना है? 2 साल के बच्चों को भी जासूसी के लिये प्रयोग किया जा सकता है कभी ये ख्याल आया दिमाग मे?

यदि सीमा प्यार में सचमुच है तो ठीक है। उनकी अपनी स्वतंत्रता है। लेकिन नियम नियम होते हैं। 

और अगर सीमा किसी विशेष कारण से भारत में दाखिल हुई है तो आप सिर्फ एक सीमा को देख रहे हैं। मैं 5 जासूसों, 5 खतरों को देख रहा हूँ।


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