ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। बृहस्पतिवार 25 मई। अगली बार चूहे पकड़ने का ग्लू लेने जाने से पहले इस फोटो को ज़रूर देखें। क्या कुछ बिगाडा होगा इसने आपका? ग्लू में लिपट कर इस बेजुबान की चमड़ी ही उधड़ गयी। जीवन जीने की कोशिश में हर पल ये जीव तड़पा। कुछ पल के लिए अपने आप को ऐसे किसी दलदल में फंसा महसूस कीजिये, और जब निकलने का प्रयास करो तो चमड़ी शरीर से अलग होती जाए। इस पीड़ा की कल्पना मात्र ही इंसानों के रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है। मगर लोग इस बेजुबान की पीड़ा कब समझेंगे।
अगर चूहे आपके घरों में आ रहे हैं तो वो गली, रस्ता, दरार रोकिए, कोई पिंजरा रखिये, इन्हें पकड़कर बाहर घर से दूर छोड़ दीजिए। लेकिन भगवान के लिए ऐसी सजा किसी बेजुबान को ना दें। कुछ तो दया अपने अंदर जीवित रखें।
कहते हैं इस सृष्टि में अपना किया कर्म ही वापिस आता है। हमारे द्वारा जो पीड़ा किसी को दी जाती है, वही पीड़ा हमें भी भोगनी होगी।
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