गोपेश्वर : बृजेश श्रीवास्तव। मंगलवार 4 अप्रैल को सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने संस्कृत विद्यालयों की परिषदीय परीक्षाओं के संचालन हेतु पूरे जनपद के प्रधानाचार्यों एवं परीक्षा प्रभारियों के साथ बैठक करके आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
स्वामी गीतानंद संस्कृत महाविद्यालय मंडल के सभागार में जनपद के वरिष्ठतम प्रधानाचार्य डॉ जनार्दन नौटियाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सहायक निदेशक ने कहा कि नकल विहीन परीक्षा कराना उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता में है। इसके लिए सरकार ने बहुत सारे कठोर नियम भी जारी किए हैं। उनका पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल से शुरू हो रही पूर्व मध्यमा एवं उत्तर मध्यमा की परिषदीय परीक्षाओं के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर कस्टोडियन एवं कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
डॉक्टर घिल्डियाल ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पेपरों को लाकर डबल लॉकर में रखा जाना है। जिस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा हो रही है, वहां के शिक्षक कदापि ड्यूटी पर नहीं रहेंगे। उन्हें दूसरे परीक्षा केंद्र पर भेजा जा रहा है। जिससे पूर्ण रूप से पारदर्शिता पूर्ण एवं नकल विहीन परीक्षा संपन्न हो सके। यदि इसमें कहीं भी लापरवाही हुई तो केंद्र व्यवस्थापक एवं कस्टोडियन पर कठोर कार्यवाही होगी।
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पूरे जनपद के संस्कृत महाविद्यालयों की जनपद स्तरीय समस्याओं का त्वरित समाधान करने की वजह से उत्साहित जनपद के प्रधानाचार्यों ने बैठक स्थल पर पहुंचने पर सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल का पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल दमाऊ की थाप पर फूल मालाओं से लादकर भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा महाविद्यालय मंडल को दिए गए फर्नीचर का भी विद्यालय में लोकार्पण किया।
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सहायक निदेशक 5 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के कुछ केंद्रों पर निरीक्षण करते हुए आदर्श संस्कृत ग्राम के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चयनित डिममर (करणप्रयाग) गांव में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की बैठक भी लेंगे।
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