देहरादून : बृजेश श्रीवास्तव। बुधवार 12 अप्रैल। संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कई वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे 126 शिक्षकों को मानदेय देने संबंधी मामला शीघ्र कैबिनेट में लाया जाएगा।
यह बात शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने अपने आवास पर आयोजित संघ के नेताओं एवं अधिकारियों की सामूहिक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जैसा उनके संज्ञान में लाया गया है कि 126 शिक्षक वर्षों से संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों मे शिक्षण कार्य कर रहे हैं। उनमें से 155 शिक्षकों को वर्तमान में कैबिनेट की अनुशंसा पर मानदेय दिया जा रहा है। अब उस लिस्ट में मानदेय से वंचित हुए 126 शिक्षकों का मामला भी शीघ्र कैबिनेट में लाकर सुलझाया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षा विभाग में कई ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। जिसमें शोध छात्रों को छात्रवृत्ति, संस्कृत अकादमी द्वारा शिक्षकों की व्यवस्था और 13 जनपदों में आदर्श संस्कृत ग्रामों की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि आज की बैठक विशेष रूप से शिक्षकों के लंबित मामलों को सुलझाने के लिए अधिकारियों एवं शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ की गई है। जिसके शीघ्र सकारात्मक परिणाम आएंगे।
बैठक में सचिव संस्कृत शिक्षा आईएएस चंद्रेश यादव, अनुभाग अधिकारी राजीव नयन पांडे, शिक्षा विभाग की तरफ से सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रबंधकीय शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष जनार्दन कैरवान, छूटे हुए 126 शिक्षकों के अध्यक्ष भगवती बिजलवान, सूर्य प्रकाश रतूड़ी, अनूप रावत, मनोज शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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