रुद्रप्रयाग : बृजेश श्रीवास्तव। बृहस्पतिवार 30 मार्च। संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के प्राचार्य भानु प्रकाश देवली 37 वर्ष की लंबी सेवा के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए। उनके विदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल भी शामिल हुए।
विदाई समारोह को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि डॉक्टर भानु प्रकाश देवली का जीवन शिक्षा एवं संस्कृत के लिए समर्पित रहा। उन्होंने 37 वर्ष की लंबी सेवा कर्तव्यनिष्ठा एवं व्यवहार कुशलता के साथ पूर्ण की है। इसके लिए संस्कृत जगत उन्हें हमेशा याद रखेगा।
इस अवसर पर सहायक निदेशक ने नए प्राचार्य के रूप में शशि भूषण बमोला को प्रभार पत्र सौंपते हुए विद्यालय का कुशल संचालन करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र के भूतपूर्व विशेष संवाददाता श्यामलाल सुंद्रियाल ने कहा कि एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है। वह समाज के सृजन में आजीवन लगा रहता है। उन्होंने प्राचार्य देवली के कार्यकाल को अविस्मरणीय बताया।
सेवानिवृत्ति पर प्राचार्य डॉ भानु प्रकाश देवली ने कहा कि कुशल प्रशासक एवं विद्वान अधिकारी के रूप में पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल का उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर उपस्थित होना उनके लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि वह निरंतर संस्कृत की सेवा में शेष जीवन व्यतीत करेंगे।
इससे पूर्व रुद्रप्रयाग जनपद में पहुंचने पर सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल का संस्कृत एवं शिक्षा से जुड़े हुए विद्वानों ने फूल मालाओं एवं अंग वस्त्र देकर भव्य स्वागत किया।
मौके पर प्राचार्य शशि भूषण बमोला, प्रवक्ता चंद्रभूषण, संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ की प्राचार्य डॉ पुष्पा नौटियाल, प्रदीप नौटियाल सहित शहर के गणमान्य नागरिक सभी शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
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