देहरादून : बृजेश श्रीवास्तव। बुधवार 29 मार्च को उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के आवास पर बासंती नवरात्रि की महाष्टमी पर सभी वर्गों की कन्याओं का विशिष्ट पूजन किया गया।
इस अवसर पर कन्याओं का पूजन कर उन्हें उपहार भेंट करते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए आचार्य घिल्डियाल ने कहा कि लड़की का नाम शास्त्र में दोहिता कहा गया है। क्योंकि वह पिता के कुल के साथ-साथ पति के कुल का भी कल्याण करती है। हमारे देश की परंपरा रही है कि जहां लड़कियों का पूजन होता है, वहां ईश्वर का वास होता है। उन्होंने भ्रूण हत्या को जघन्य अपराध की संज्ञा देते हुए बालिकाओं की सुरक्षा को ही राष्ट्र की अस्मिता की सुरक्षा बताया।
इस अवसर पर उन्होंने व्यास गद्दी से अपना स्वरचित प्रसिद्ध भजन "लड़कियां देश की जाग जाएं अगर तो युग स्वयं ही बदलता चला जाएगा" गाकर बालिकाओं की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में संस्कारों की अवमानना तब रुकेगी जब अधिक से अधिक लड़कियां वेदों एवं शास्त्रों का अध्ययन कर समाज का मार्गदर्शन करेंगी। इसके लिए वह संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बालिकाओं के अधिक से अधिक प्रवेश पर जोर दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ज्योतिष रत्न के साथ-साथ श्रीमद् भागवत कथा व्यास के रूप में भी अंतरराष्ट्रीय जगत में प्रसिद्ध हैं और वर्तमान में शिक्षा एवं द्वितीय राजभाषा संस्कृत शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग के सहायक निदेशक पद पर भी अपनी विशेष कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कुंडली एवं हस्तरेखा को देखकर सटीक भविष्यवाणियों की चर्चा पूरे विश्व स्तर पर होती है।
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