साहिबाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुदर्शन भाग के टॉवर विभाग द्वारा गगन स्पर्शी समागम कार्यक्रम शिप्रा सृष्टि सोसायटी इंदिरापुरम में सम्पन्न हुआ। इस समागम में कुल उपस्थित संख्या 407 रही व जिनमे बहुमंजिली भवनों से 375 बंधु ( 358 पुरुष, 17 मातृशक्ति) उपस्थिति रही।
इस अवसर पर प्रमुख वक्ता तपन घोष, लेखाकार प्रमुख व कार्यकारिणी सदस्य (पश्चिम क्षेत्र) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने उदबोधन में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जिसमें उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें यह जानना व समझना होगा कि संघ क्यों है, क्या है और क्यों इसकी आवश्यकता पड़ी। यह कैसे काम कर रहा है और वर्तमान समय में हमारे सामने किस प्रकार की समस्या है। उदाहरण के तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान का पराभव कैसे हुआ, यह जानने के लिए जानकारी इकट्ठा करने के पश्चात 'द इन्क्रेडिबल जापान' एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। उसके अंतिम पृष्ठ पर जो मूलभूत पहले 5 कारण थे उससे अर्थशास्त्र का कोई संबंध नहीं था। वह कारण था जापान का एक सामान्य नागरिक अनुशासित है; अपने हित से पहले अपने गांव व देश हित सोचता है; अपने देश समाज, व देश के लिए सदैव तैयार रहता है। जापान का नागरिक अपने देश के लिए किसी भी समय किसी भी प्रकार के त्याग के लिए सदैव तैयार रहता है। जब कोई कार्य करता है चाहे वह अपना है, समाज का, या किसी नौकरी का या व्यवसाय का वह अपना उत्कृष्टतम करने का प्रयास करता है। सामान्य भारतीय समाज के दैनन्दिन में यह पांच बिन्दू अपने व्यवहार में लाए, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसके लिए कार्य करता है।
अपना देश एक प्राचीन राष्ट्र है। पुराना इतिहास है पिछले पांच हजार वर्षों में आए उतार-चढ़ावों के बावजूद हिंदू समाज के प्राचीन जीवन मूल्य भारत में आज भी प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा, "दुनिया के बाकी देशों के प्राचीन जीवन मूल्य मिट गए। कई देशों का तो नामो-निशान ही मिट चुका है। परंतु हमारे जीवन मूल्य अब तक नहीं बदले हैं। इसलिए इकबाल ने कहा है- "यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।"
जब हम इसका विचार करते हैं तो कुछ मूलभूत तत्व ध्यान में आता है। पहला तो यह कहा जाता है कि हम सबका मूल एक ही है संपूर्ण जीव चराचर में एक ही तत्व है। विविधता में समन्वय करना हमारी विशेषता है। धर्म सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं जीवन का व्यहार के रूप में रखा।
ग्रीन एनजीओ के संस्थापक के वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कैसे एजेण्डा के तहत फिल्म इण्डस्ट्री सहित भारतीय उद्योग आदि को घेरने का प्रयास किया जाता रहा है ताकि भारत को आगे बढ़ने से रोका जाए। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि कैसे भीमा कोरेगांव जैसे घटनाक्रम को अंजाम देकर भारतीय समाज को तोड़ने का प्रयास होता रहा है।
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इस अवसर पर रोहित (विभाग प्रचारक, गाजियाबाद) देवेंद्र (विभाग कार्यवाह) अखिलेश (विभाग प्रचार प्रमुख, गाजियाबाद), प्रदीप (महानगर संघचालक, हरनंदी महानगर), ऋषभ (भाग संघचालक, सुदर्शन भाग), ललित शंकर (महानगर प्रचारक), आशीष (महानगर कार्यवाह), अमरदीप (महानगर सह कार्यवाह, गाजियाबाद), सर्वेश (भाग कार्यवाह), ओम प्रकाश (भाग टॉवर प्रमुख) व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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