भारत तिब्ब्त मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह कहा है कि विस्तारवादी एवं धूर्त चीन हमेशा से उसके स्वभाव में ही धोखा है। अभी वह भारत को घेरने की चेष्टा कर रहा है। आसपास के गरीब कमजोर देश जैसे पाकिस्तान नेपाल वगैरह को, इन्हें पहले यह आर्थिक मदद करता है। उसके बाद सहयोग की आड़ में उसके ऊपर मानसिक और भावनात्मक रूप से अपना कब्जा जमा लेता है। यानी यों कहें कि उसे एक प्रकार से गिरवी रखने की चेष्टा करता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण श्रीलंका और युगांडा है। श्रीलंका का हबनतोता नामक बंदरगाह में हवाई अड्डा और युगांडा का एटेबे हवाई अड्डा।
स्वामी जी ने यह भी बताया कि तिब्ब्त पर उसके अनाधिकार कब्जा की बात, अब नेपाल के प्रधनमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड सत्ता में आते ही चाइना के वश में वशीभूत हो गये हैं। चाइना नेपाल में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर अपने BRI योजना के अंतर्गत उसके नॉ परियोजनाओं पर 21.59 करोड़ डॉलर का ऋण देकर नेपाल को अपने कब्जे में ले रहा है, चलिए ये सब उनका मामला है, किंतु हमें यहां चौकस रहने की विशेष आवश्यकता है, कि हमारे पड़ोसी देशों में कब्जा जमाकर हमारे बॉर्डरों पर सामने आ रहा है। यानी हमें घेरने की चेष्टा कर रहा है। निश्चित हमारी ऊर्जा और परेशानी बढ़ रही है इस दुष्ट के कारण, किंतु उसे यह जानना चाहिए कि आज का भारत 1962 वाला भारत नहीं है। अब हम घर में घुस कर ईलाज करते हैं, जिसका उदाहरण हाल की घटना या गलवान घाटी हो या फिर डोकलाम। अभी भी उसके जवानों के दुःसाहस का उत्तर हमारे वीर भारतिय सैनिकों ने जोरदार दिया है खदेड़ कर भगाया उन्हें।
स्वामी जी ने बताया कि यह भी जानने का विषय है कि तिब्ब्त अपने धर्मगुरु का चयन अपनी आध्यात्मिक और परंपरागत तरीके से करता आ रहा है। 15वीं दलाईलामा की नियुक्ति चाइना अनाधिकार रूप से करने की चेष्टा कर रहा है, यानी धार्मिक-आध्यात्मिक रूप से भी तिब्ब्त को गुलाम बनाना।
देश के प्रत्येक नागरिक को ये जानने की आवश्यकता है साथ ही सजग रहने की भी,
भारत चाइना से लगे कोई बॉर्डर है ही नहीं, वह तिब्ब्त पर कब्जा जमकर हमारे समक्ष आ गया है, इसीलिये हमारा दायित्व है - तिब्ब्त की आजादी, भारत की सुरक्षा हेतु। सनद रहे चाइना हमारा पड़ोसी है ही नहीं, हमारा पड़ोसी तिब्ब्त है जिस पर कब्जा जमाकर हमें परेशान करता है।
भारत की एकता और अखंडता के प्रति जागरूक रहना प्रत्येक भारतवासी का परम कर्तब्य है। इस दिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में और राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल जी के नेतृत्व में भारत तिब्ब्त सहयोग मंच के तत्वाधान में पूरे देश भर में जोर-शोर से कार्य चल रहा है।
मंच की ओर से स्वामी दिव्यानंद जी आग्रह करते हैं कि प्रत्येक देशवासी स्वयं के साथ अपने बच्चों को देश भक्ति का भाव जगाए रखें और अपने दैनिक पूजन में नित्य यह संकल्प लें कि देवाधिदेव महादेव जी का निवास स्थान कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और 1962 में हमारी हजारों वर्गमील जमीनें जो चाइना के नाजायज कब्जे में है, वह मुक्त हो।
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