नई दिल्ली : पुनीत माथुर। सेवा सबसे बड़ा धर्म है और इसके लिए कोई उम्र नहीं होती। मन में करुणा का भाव और इरादे नेक हों तो छोटी उम्र में ही समाज के लिए कुछ करने की शक्ति खुद ब खुद पैदा हो जाती है।
ऐसी ही शक्ति से परिपूर्ण दिल्ली के शाहदरा जिले से ’आशाएं एक उम्मीद संस्थान’ की अध्यक्ष पूनम कौल हैं, जिन्होंने कई माह पहले भीषण गर्मी को देखते हुए ‘चोंच भर पानी’ मुहिम की शुरुआत की थी। अब इस मुहिम में उनके साथ युवाओं का कारवां जुड़ गया है।
छोटी आयु में पूनम कौल ने समाज सेवा का बीड़ा उठाया और इस पथ पर आगे बढ़ने का निश्चय किया। इसके तहत उन्होंने ‘चोंच भर पानी’ मुहिम की शुरुआत की, ताकि पक्षियों को भीषण गर्मी में पानी के बिना तड़पकर जान न गंवानी पड़े।
पक्षियों को बचाने के साथ-साथ मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के लिए भी यह मुहिम एक आस की तरह है। इससे उन्हें लगातार कार्य मिल रहा है, जिससे वह अपने बच्चों का भरण पोषण कर पा रहे हैं।
दरअसल पूनम कौल ने अभियान के तहत अपने अन्य युवा साथियों संग मिलकर जगह-जगह कई अधिक सकोरे स्थापित किए हैं। इनमें रोजाना दाना-पानी के लिए साथियों की ड्यूटियां भी निर्धारित की गई हैं। पूनम कौल ने बताया कि सकोरे की व्यवस्था आशाएं एक उम्मीद की टीम के द्वारा की गई है।
‘दिवाली दिए संग’ अभियान भी चलाया जा रहा है:
पूनम कौल ने दीपावली पर भी इस बार ‘दिवाली दिए संग’ अभियान की शुरुआत की है। वो आशाएं एक उम्मीद की टीम के साथ घर-घर जाकर लोगों से मिट्टी के दीये इस्तेमाल करने की अपील भी करेंगे। इतना ही नहीं पूनम कौल ने मिट्टी के दीये बनाने वाले कई कारीगरों से दीये खरीदकर जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क वितरित भी करेंगी, ताकि दिवाली पर उनके घर भी रोशन हो सकें।
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