नई दिल्ली : पुनीत माथुर। मंकीपाक्स वायरस नाम का एक खतरनाक वायरस आजकल बहुत तेज़ी से फैल रहा है। लोगों में इसको लेकर कई भ्रांतियां और अफवाहें भी फैल रही हैं।

प्रस्तुत हैं इस वायरस, इसके लक्षण और बचाव को लेकर न्यूज़ लाइव टुडे संवाददाता से मशहूरचर्म रोग विशेषज्ञ कन्सल्टेंट (विम्स) से हुई वार्ता के कुछ अंश... 

मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है। मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। इस वायरस के संक्रमण का इलाज उपलब्ध है।

मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है। मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है । 

मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस भारत में मिला है । केरल के कोल्‍लम जिले से मंकीपॉक्स  का मामला सामने आया है । मरीज हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटकर आया था मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर संदिग्‍ध को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था । टेस्‍ट में उसके मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई । 

फिलहाल उसका इलाज चल रहा है । इस वायरस बीमारी का इलाज उपलब्ध है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स बीमारी से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर का अनुपात लगभग भारत में 3-6% रहा है।

डॉ. एस. के. शर्मा
चर्म रोग विशेषज्ञ व प्रबंधक 
आयुष स्किन क्लीनिक, मोदीनगर (गाजियाबाद)

एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 73 देशों के हजारों की संख्या में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है । 

आपको बता दें कि मंकीपॉक्स 1958 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था।

■ मंकीपॉक्‍स वायरस संक्रमण से खतरा

डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है।

इस वायरस के दो स्‍ट्रेन्‍स हैं  पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन 

■ मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लक्षण

👉🏾 तेज बुखार

👉🏾 सिर दर्द

👉🏾 मांसपेशियों में दर्द व अकड़न

👉🏾 कमर दर्द व घाव होना

👉🏾 तेज बुख़ार के कारण कंपकंपी छूटना आँखे लाल होना

👉🏾 थकान और सूजी हुई लिम्फ 

👉🏾 चेचक व खसरा  वाले दाने होना 

👉🏾 शरीर पर लाल दाने व चकते होना 

■ इंसानों में कैसे फैलता है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित किसी जानवर के संपर्क में आने से यह इंसानों में फैलता है । 

यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। जिसमें बंदर, कुत्ते और गिलहरी जैसे जानवर शामिल हैं इन जानवरों में ज्यादा पाया जाता है । संक्रमित व्यक्ति से भी दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैल सकता है।

■ मंकीपॉक्स वायरस से कैसे करें बचाव

👉🏾 अगर आपको प्लू और शरीर में किसी भी चेचक व माता आदि की तरह के दाने नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।  हो सकता हो आपको मंकीपाक्स के लक्षण हो । 

👉🏾 एक दो दिन से ज्यादा बुखार के कारण शरीर लाल हो जाने पर पेरासिटामोल की टैबलेट अपने डॉक्टर की सलाह से ले । 

👉🏾 ज्यादा पानी पीएं व  ए सी कूलर से बचें 

👉🏾शरीर मे छोटे छोटे दाने व उनमें दर्द होने पर पेनकिलर्स टैबलेट अपने डॉक्टर की सलाह पर ले 

👉🏾 किसी भी प्रकार के संक्रमित पालतू  जानवरों से दूर रहें । 

👉🏾मंकीपॉक्स के संक्रमित मरीज के संपर्क में न आएं।



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