नई दिल्ली: पुनीत माथुर। आपकी प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए whatsapp ने 2016 में 'एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फ़ीचर' तैयार किया था। एंड टू एंड एन्क्रिप्ट होने से आपके मैसेज, फ़ोटो, वीडियो, वॉइस मैसेज, डॉक्यूमेंट, स्टेटस और कॉल सुरक्षित हो जाते हैं और कोई उनका गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

पर्सनल मैसेजिंग :

WhatsApp Messenger से की जाने वाली चैट्स के लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फ़ीचर का इस्तेमाल किया जाता है। एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फ़ीचर से यह पक्का हो जाता है कि मैसेज और कॉल सिर्फ़ आपके और आपके कॉन्टैक्ट के बीच ही रहें। कोई और, यहाँ तक कि WhatsApp भी उन्हें पढ़, सुन और देख न।

आसान भाषा में, एंड टू एंड एन्क्रिप्शन कुछ ऐसे काम करता है कि भेजे जाने से पहले मैसेज एक ऐसे डिजिटल लॉक से सुरक्षित किए जाते हैं, जिन्हें देखने या सुनने के लिए एक डिजिटल चाभी की ज़रूरत होती है जो सिर्फ़ मैसेज पाने वाले व्यक्ति के पास होती है। बीच में इन मैसेजेस या कॉल्स को कोई देख, पढ़ या सुन नहीं सकता है। यह सब ऑटोमैटिकली होता है। अपने मैसेज सुरक्षित करने के लिए आपको कोई सेटिंग ऑन करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है।

बिज़नेस मैसेजिंग :

हर WhatsApp मैसेज उसी सिग्नल एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल से सुरक्षित होता है, जिसका इस्तेमाल आपके डिवाइस से मैसेज भेजे जाने से पहले, उसे सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। बिज़नेस को भेजे जाने वाले मैसेज सुरक्षित रूप से उनकी तय की हुई जगह पर डिलीवर किए जाते हैं।

अगर बिज़नेस WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं या कस्टमर्स के मैसेज खुद ही मैनेज और स्टोर कर रहे हैं, तो WhatsApp उन बिज़नेस के साथ होने वाली चैट को एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड मानता है। मैसेज मिलने के बाद उस बिज़नेस की प्राइवेसी पॉलिसी लागू होगी। मैसेज प्रोसेस करने और उनका जवाब देने के लिए, बिज़नेस कुछ कर्मचारियों या दूसरे वेंडर्स की सर्विस ले सकता है।



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