नई दिल्ली : पुनीत माथुर। समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर कहा कि बचपन से ही मराठी मानुष के लिए न्याय और हक की लड़ाई लड़ने वाली शिवसेना को देखते हुए ही छोटे से बड़ी हुई मैं एक मराठी लड़की हूं! छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे इनके आदर्शों को लेकर ही मैं बड़ी हुई हूं। किसी पर अन्याय नहीं किया जाए और खुद पर होने वाला अन्याय बिल्कुल सहन ना किया जाए यह मैंने इन दोनों से सीखा है। उसी पाठ का पालन करते हुए आज मैं मेरी निजी जिंदगी पर हमला करने वाले उपद्रवी लोगों के खिलाफ अकेली खड़ी हूं। लड़ रही हूं। सोशल मीडिया और उस पर मौजूद लोग सिर्फ इसका मजा ले रहे हैं।

उन्होंने लिखा, मैं कलाकार हूं और राजनीति मुझे समझ में नहीं आती और उसमें मुझे पढ़ना भी नहीं है। हमारा कोई संबंध नहीं होते हुए भी रोज सवेरे हमारे आबरू के चीथड़े उड़ाए जाते हैं। शिवराय के राज्य में एक स्त्री की गरिमा के साथ खेला जा रहा है। मजाक उड़ाया जा रहा है। आज बालासाहेब होते तो उन्हें निश्चित यह स्वीकार नहीं होता। 

"एक महिला और उसके परिवार पर होने वाले निजी हमले यह बड़े लोगों का कितना नीच स्वरूप है यह हमेशा उनके विचारों से हम तक पहुंचा है। उनकी छाया और उनकी प्रतिमा हम आप में देखते हैं आप हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और आप पर हमें पूरा विश्वास है आप कभी भी मुझे और मेरे परिवार पर अन्याय नहीं होने देंगे इसका मुझे पूरा विश्वास है। मराठी मानुस होने के नाते मैं आपसे न्याय की अपेक्षा कर रही हूं आप हमारे साथ योग्य न्याय करें ऐसी विनती है।"



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