नई दिल्ली : पुनीत माथुर। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू, अंबिका सोनी, सुनील जाखड़ और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नामों की चर्चा हो रही थीं लेकिन हैरानी तब हुई जब चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का नए मुख्यमंत्री के रूप में एलान हुआ। 

यूँ तो एक दलित नेता का पंजाब का मुख्यमंत्री बनना एक ऐतिहासिक घटना है लेकिन माना जा रहा है कि पंजाब विधानसभा के चार महीने पहले कांग्रेस आलाकमान ने दलित कार्ड खेला है।

चरणजीत सिंह चन्नी वर्तमान में पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे। चन्नी दो बार पहले भी इसी सीट से विधायक रह चुके हैंं। 2007 में उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें कांग्रेस में शामिल कर लिया था और पिछ्ला विधानसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही जीता।

चन्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह की मंत्रीमंडल में टेक्नीकल एजुकेशन और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रह चुके हैंं।

सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने मंत्री पद की शपथ ली है जिन्हें डेप्युटी सीएम बनाया जाएगा।

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