राज्य ब्यूरो (न्यूज लाईव टुडे) चंपारण। बिहार में होने जा रहे पंचायत चुनाव इस बार हाईटेक होंगे। कई खूबियों के कारण ये चुनाव चर्चा का विषय हैंं। आइए जानते हैं क्या हैं वो खूबियां...
1. पंचायत चुनाव में पहली बार EVM का इस्तेमाल: इस बार पंचायत चुनाव के दौरान बिहार में पहली बार EVM मशीन का इस्तेमाल होने जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को संपन्न कराने के लिए 2 लाख 36 हजार 482 EVM मंगवाए हैं।
2. चार पदों के लिए EVM, दो पदों के लिए मतपत्रों से होगा मतदान: चुनाव में चार पदों मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चुनाव में EVM का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी पदों के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। दो पदों, सरपंच और पंच के चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स का भी इस्तेमाल होगा।
3. प्रखंडवार हो रहे चुनाव: राज्य में पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रखंडवार चुनाव संपन्न कराने का फैसला लिया है। इससे पहले जिलावार पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाते रहे हैं। बाढ़ और EVM की उपलब्धता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने ये फैसला लिया है।
4. मतदानकर्मियों को उपलब्ध होगी कोरोना किट : चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर करीब दो लाख मतदानकर्मियों को कोरोना किट उपलब्ध करायी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मतदानकर्मियों को कोरोना किट जिलों में दी जाएगी। कोरोना किट में मॉस्क, सेनेटाइजर, फेसशील्ड व अन्य आवश्यक सामग्री दी जाएगी।
5. ऑनलाइन नामांकन की है व्यवस्था: कोरोना को देखते हुए राज्य में पहली बार पंचायत चुनाव के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन नामांकन पत्र भरने की सुविधा दी गई है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और नामांकन केन्द्र पर भीड़ ना लगे, इसके लिए आयोग ने ये व्यवस्था की है।
6. जिलास्तर पर पहली बार होगी काउंटिंग: इस बार EVM के माध्यम से तो वोट तो दिए ही जाएंगे, इसके साथ ही काउंटिंग के समय भी निगरानी हर बार की तरह दुरुस्त होगी। काउंटिंग के दौरान वीडियोग्राफी किए जाने का भी इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही पहली बार जिलास्तर पर मतगणना होगी।
7. कॉल सेंटर से सभी जानकारियां होंगी उपलब्ध: पंचायत चुनाव से संबंधित किसी जानकारी के लिए राज्य में कॉल सेंटर खोला गया है। सेंटर में सभी वर्किंग दिनों के दौरान वोटर्स अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद उनकी शिकायतों के जल्द निदान के लिए संबंधित अधिकारियों को इसे बढ़ाया जाएगा।
8. मतदाता की पहचान के लिए पोलिंग बूथ पर लगेगी बायोमेट्रिक मशीन: निर्वाचन आयोग पहली बार राज्य में बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल करने जा रहा है। यह मशीनें हर पोलिंग बूथ पर लगेंगी। बायोमेट्रिक मशीन के जरिए वोट डालने आने वाले मतदाता की पहचान की जाएगी। इससे फर्जी वोटिंग को रोका जाएगा।
9. एक बूथ पर 850 से अधिक नही होंगे मतदाता: प्रत्येक मतदान केंद्र पर 850 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, हर बूथ पर चार EVM निर्धारित की गई हैं। मतदाताओं की संख्या को निर्धारित करने की वजह कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करना है।
10. पर्दानशी महिलाओं की पहचान के लिए होंगी महिला चुनाव कर्मी: आयोग ने पहली बार घूंघट और पर्दे की आड़ में फर्जी वोटिंग करनेवालों को रोकने के लिए मतदान केन्द्रों पर महिला चुनाव कर्मी की नियुक्ति का फैसला लिया है। वैसे बूथ, जहां पर्दा में आनेवाली महिलाओं की संख्या ज्यादा होगी वहां विशेष तौर से उनकी पहचान के लिए महिला चुनाव कर्मी होंगी।
11. हैंड ग्लब्स पहनकर ही EVM का बटन दबाएंगे मतदाता: बिहार पंचायत चुनाव में यह पहला मौका होगा जब वोटिंग के दौरान वोटर हैंड ग्लब्स का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करेंगे। कोरोना के लक्षण वाले मतदाता चुनाव के आखिरी घंटों में मतदान कर सकेंगे। बूथ पर अधिकतम 25 लोग एक कतार में शामिल होंगे।
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