नई दिल्ली : पुनीत माथुर । पाकिस्तान में महज आठ साल के बच्चे को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई जा सकती है। बच्चे पर आरोप है कि उसने जानबूझकर एक मदरसे के कालीन पर पेशाब किया था, जहां धार्मिक पुस्तकें रखीं थीं। बच्चे के परिवार का कहना है कि बच्चे को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। बच्चे को जेल में भी रखा गया था।
जानकारी के अनुसार, लड़के पर आरोप है कि उसने पिछले महीने एक मदरसे के पुस्तकालय में एक कालीन पर जानबूझकर पेशाब किया, जहां धार्मिक किताबें रखी गई थीं। ब्रिटिश अखबार द गार्डियन को बच्चे के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि, “बच्चे को अभी ईशनिंदा के कानून के बारे में पता नहीं है। उसे झूठ बोलकर फंसाया जा रहा है। बच्चे को तो यह भी नहीं पता है कि उसे एक हफ्ते जेल में क्यों रखा गया और उसका अपराध क्या है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा हो सकती है। बच्चे के रिश्तेदार कहते हैं, “हमने अपनी दुकानें और काम छोड़ दिया है। पूरा हिंदू समुदाय डर गया है और हमें उनके बदले का डर है। हम उस इलाके में वापस नहीं लौटना चाहते हैं।
बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारत ने प्रतिक्रिया दी थी और भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजनयिक को तलब किया था।
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