नई दिल्लीः पुनीत माथुर । यूपी में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले का साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वागत किया है, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि धार्मिक आस्था और परंपरा जरूरी है, लेकिन लोगों का जीवन बचना उससे कहीं ज्यादा जरूरी है, इसको देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, कांवड़ संघों और दूसरे साधु संतों ने भी सीएम योगी से यह मांग की थी कि इस वर्ष कावड़ यात्रा पर रोक लगाई जाए। योगी सरकार ने लोगों के जीवन रक्षा के मद्देनजर इस साल कावड़ यात्रा पर पाबंदी लगा दी है।
21 जुलाई को ईद उल अजहा यानी बकरीद के त्यौहार को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि बकरीद के त्यौहार में भी ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि वह मस्जिदों से ऐलान करें कि लोग अपने घरों में ही बकरीद की नमाज अदा करें और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बकरीद का त्यौहार सादगी से मनाएं।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि बकरीद के त्यौहार पर मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में बकरों व दूसरे जानवरों की कुर्बानी भी देते हैं, इससे पूरे देश में लाखों जानवरों की जान जाती है। उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि जानवरों की कुर्बानी की परंपरा पर भी रोक लगनी चाहिए। इसके लिए भी मुस्लिम धर्मगुरुओं को आगे आना चाहिए।
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सनातन धर्म में भी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पशुओं के बलि देने की प्रथा थी. जिसे हिंदू समाज ने कुप्रथा के रूप में लेते हुए पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। इसी तरह से मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी बकरीद के पर्व पर होने वाली कुर्बानी पर रोक लगानी चाहिए।
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