नई दिल्लीः पुनीत माथुर । पाँच महीने की लेक्सी रॉबिंस के पेरेंट्स के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनकी बच्ची को ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिसका इलाज मिलना ही मुश्किल है। 31 जनवरी को बच्ची का जन्म हुआ था। उनके माता-पिता एलेक्स और डेव बेहद खुश थे, जब तक उन्हें बच्ची की इस गंभीर और लाइलाज बीमारी के बारे में नहीं पता था। बच्ची का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तब्दील हो रहा है। इस बीमारी को देखकर डॉक्टर भी हैरान है।

उसने दूसरे बच्चों की तरह ही एक्टिविटीज शुरू कीं और उनके पेरेंट्स को लगा कि उनका बच्चा काफी स्ट्रॉन्ग है.। पहले बच्ची के पैर में एक गोखरू जैसी चीज दिखी। इसके बाद जब बच्ची को डॉक्टर के पास ले जाया गया तो उसे फाइब्रोडिस्प्लेशिया आसिफिशियंस प्रोग्रेसिवा नाम की बीमारी होने का पता चला।

इस जेनेटिक डिसआर्डर में शरीर के अंदर मांस और कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं और इसका स्थान हड्डियां ले लेती हैं। पहली बार अप्रैल में एक्सरे के बाद पता चला कि लेक्सी के पांव में गोखरू बना हुआ है और उसके हाथ के अंगूठे में भी डबल ज्वाइंट है।

डॉक्टरों ने ये भी बताया कि शायद बच्ची चल-फिर भी नहीं पाएगी। माता-पिता ने इंटरनेट पर बीमारी के बारे में काफी कुछ पढ़ा और बच्ची को स्पेशलिस्ट के पास लेकर गए। उसके तमाम जेनेटिक टेस्ट कराए गए और बच्ची को की पुष्टि हो गई।

डॉक्टर भी बीमारी देखकर हैं हैरान

लिक्सी को उनके पेरेंट्स ने ब्रिटेन के सबसे बेहतरीन डॉक्टर को दिखाया और उन्होंने बच्ची की बीमारी देखते ही कहा कि अपने 30 साल के करियर में उन्हें कभी ऐसा केस देखने को नहीं मिला। इस बीमारी के चलते शरीर के कंकाल के बाहर भी हड्डियों का विकास होने लगता है और ये धीरे-धीरे मांसपेशियों और कोशिकाओं को भी खत्म करके उनकी जगह लेने लगती है।

इस स्थिति का मतलब है कि बच्ची न तो वैक्सीन या इंजेक्शन ले पाएगी, न ही दूसरे बच्चों की तरह दांतों से काम कर पाएगी। कान की हड्डी बढ़ने से वो बहरी भी हो सकती है, जबकि हाथों-पैरों की गतिविधि भी रुक सकती है। सबसे दुख की बात ये है कि बच्ची की इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।

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