नई दिल्लीः पुनीत माथुर ।डिजिटल इंडिया के छह साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘काशी की बेटी’ से बात की। डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से साड़ी पर कड़ाई  करने वाली अनुपमा दुबे से पीएम मोदी ने उनके  द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हस्तशिल्प से जुड़ी युवतियों व महिलाओं से रूबरू हुए।

कमिश्नरी सभागार में सुबह 11.15 बजे से आयोजित वर्चुअल संवाद के दौरान वाराणसी से जुड़ते ही प्रधानमंत्री ने हाथ उठाकर हर-हर महादेव के उद्घोष किया।

इसके बाद यहां से जुड़े लाभार्थियों व अधिकारियों ने भी उद्घोष से ही अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने अनुपमा दुबे से उनके द्वारा डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से किए जा रहे कार्यों के अनुभवों की जानकारी करते हुए पूछा कि पहले मैनुअली और अब डिजिटल इंडिया के तहत सॉफ्टवेयर के आने से कार्यों में कितना बदलाव आया है। 

अनुपमा दूबे ने बताया कि पहले मैनुअली कार्य करने के दौरान एक बनारसी साड़ी में बनाने 3 से 4 दिन लगते थे। क्योंकि उसकी डिजाइन तैयार करने में ही दो से तीन दिन लग जाते थे। इसके साथ ही जिस तरह की डिजाइन की डिमांड होती थी, शत-प्रतिशत उस तरह का नहीं बन पाता था। अनुपमा ने साड़ी दिखाते हुए बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से 10 घंटे में एक साड़ी बन जाती है।

सॉफ्टवेयर के जरिए डिजाइन आधे घंटे में तैयार हो जाती है। जिसके बाद केवल बुनाई का काम रह जाता है। जो जल्दी तैयार कर लेते हैं। अनुपमा ने जरी से बुनी गयी अशोक चिह्न को दिखाते हुए बताया कि इसकी डिजाइन पहले साफ्टवेयर पर तैयार की गयी। इसके बाद इसकी बुनाई की गई। इससे काफी समय की बचत हुई। 

प्रधानमंत्री ने अनुपमा का शुभकामना देते हुए कहा कि हस्तशिल्प जैसे पारम्परिक कार्यों को आपने डिजिटल स्वरूप देकर कर दिखाया है। आप जैसी नारी शक्ति देश की ताकत हैं और बुनकरों की सहायता एवं सुविधा के लिए लालपुर में हस्तकला संकुल भी बनाया गया है। इस दौरान डिज़ी बुनाई सॉफ्टवेयर से कार्य करने वाली बुनकर दीक्षा सिंह एवं यास्मीन बानो भी बातचीत की।


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