नई दिल्लीः पुनीत माथुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 15 जुलाई को प्रदेश के नौ नए मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करते ही उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक मेडिकल कालेजों वाला राज्य बन जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में केवल सरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या 33 हो जाएगी। 

बता दें कि देश में फ़िलहाल सरकारी मेडिकल कालेजों के मामले में महाराष्ट्र व तमिलनाडु सबसे आगे हैं। दोनों राज्यों में क्रमश : 25-25 मेडिकल कालेज हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश टॉप पर होगा।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 तक प्रदेश में 12 सरकारी मेडिकल काॅलेज थे। 15 जुलाई के बाद यह संख्या 33 हो जाएगी। दूसरी तरफ 16 जिलों में अलग से पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर मेडिकल कालेज बनाए जाने का कार्य अन्तिम चरण में है। 

जानकारों की माने तो राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से हर जिले में एक मेडिकल कालेज बनाने की योजना पर तेजी से काम कर है। नतीजा वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में 12 मेडिकल कालेज थे, वहीं अब 33 मेडिकल कालेजों की स्थापना हो चुकी है। इनमें से 23 मेडिकल कालेजों में पढ़ाई शुरू कर दी गई है। इस दौरान प्रदेश में करीब 1300 से ज्यादा एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे प्रदेश में जहां 3200 की आबादी पर एक डाक्टर का अनुपात हो जाएगा वहीं अन्य प्रदेशों से कहीं बेहतर इलाज प्रदेश में ही उपलब्ध होने लगेगी।

देश में मेडिकल कालेजों की स्थिति: महाराष्ट्र -26, तमिलनाडु -26, उत्तर प्रदेश-25, पश्चिम बंगाल- 20, कर्नाटक-19, राजस्थान -15, मध्य प्रदेश- 14, आंध्र प्रदेश – 13, बिहार-11, तेलंगाना- 11, केरल – 10, गुजरात – 09, दिल्ली – 08, – ओड़ीसा -08, झारखण्ड- 07, छत्तीसगढ़- 07, असोम- 06, हिमाचल प्रदेश- 06, हरियाणा – 05, उत्तराखण्ड- 04, पंजाब- 04, मणिपुर – 02, पुड्डुचेरी -02, गोवा, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा आदि में 1-1 सरकारी मेडिकल कालेज है।

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