नई दिल्लीः पुनीत माथुर । ईडी के हिरासत में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के पीए ने उनकी पोल खोल दी है। हालांकि ईडी को अभी बहुत कुछ उनसे जानना है। इस लिए कोर्ट में उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए कुंदन शिंदे व संजीव पलांडे की हिरासत अवधि 6 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
ईडी के वकील ने विशेष अदालत में कहा कि खासतौर से आईपीएस अधिकारियों के तबादले में देशमुख की भूमिका रहती थी। गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की विशेष आदालत में हिरासत आवेदन में दावा किया है। ईडी ने यह दावा हिरासत में पूछताछ के दौरान देशमुख के सहयोगी संजीव पलांडे के बयान के आधार पर किया है।
हिरासत आवेदन में ईडी ने कहा है कि पालंडे ने यह स्वीकार किया है कि देशमुख की खास तौर से आईपीएस पुलिस अधिकारियों के तबादले व तैनाती में भूमिका थी। ईडी ने न्यायाधीश के सामने पेश किए गए हिरासत आवेदन में कहा है कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए देशमुख के निजी सहयोगी कुंदन शिंदे व पलांडे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
वे पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों की ओर से अपराध से अर्जित की गई कमाई को रखने के बारे में किए जानेवाले सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे रहे हैं। उनके जवाब अस्पष्ट हैं। ईडी इन दोनों आरोपियों से विस्तार से कई दस्तावेजों और इलेक्ट्रानिक सबूतो को लेकर पूछताछ करना चाहती है। ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके। इसलिए इनकी हिरासत अवधि को बढाया जाए।
6 जुलाई तक बढी हिरासत अवधि
इन दोनों आरोपियों को ईडी ने मनी लांडरिंग कानून की धाराओं के तहत 26 जून 2021 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इन्हें एक जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेजा था। चूंकि गुरुवार को इन दोनों आरोपियों की हिरासत अवधि खत्म हो रही थी। इसलिए ईडी ने दोनों आरोपियों को न्यायाधीश के सामने पेश किया और उनकी हिरासत अवधि को बढाने का आग्रह किया। ईडी की ओर से पेश किए गए हिरासत आवेदन पर गौर करने के बाद न्यायाधीश ने पलांडे व शिंदे की हिरासत अवधि को 6 जुलाई 2021 तक के लिए बढा दिया।
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