जय श्री राधे कृष्ण🙏
मित्रों आज के श्लोक में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अपने ऎश्वर्यों का वर्णन किया गया है ...
वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः ।
इंद्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना ॥
(अध्याय 10, श्लोक 22)
इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं) - मैं सभी वेदों में सामवेद हूँ, मैं सभी देवताओं में स्वर्ग का राजा इंद्र हूँ, सभी इंद्रियों में मन हूँ और सभी प्राणियों में चेतना स्वरूप जीवन-शक्ति हूँ।
सुप्रभात !
पुनीत कुमार माथुर
ग़ाज़ियाबाद
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