जय श्री राधे कृष्ण 🌹🙏


आज का श्लोक भी श्रीमद्भगवद्गीता के आठवें अध्याय 'अक्षर ब्रह्म योग' से ही लिया है ....


          आब्रह्मभुवनाल्लोकाः पुनरावर्तिनोऽर्जुन ।

           मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न विद्यते ॥

                   (अध्याय 8, श्लोक 16)


इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं ) -   हे अर्जुन! ब्रह्मलोकपर्यंत सब लोक पुनरावर्ती हैं, परन्तु हे कुन्तीपुत्र! मुझको प्राप्त होकर पुनर्जन्म नहीं होता, क्योंकि मैं कालातीत हूँ और ये सब ब्रह्मादि के लोक काल द्वारा सीमित होने से अनित्य हैं।


सुप्रभात !  


पुनीत कुमार माथुर  

ग़ाज़ियाबाद

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