जय श्री कृष्णा 🌹🙏


मित्रों आज का श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के दूसरे अध्याय ' सांख्ययोग' से। इस श्लोक में भगवान श्री कृष्ण क्रोध से होने वाले दुष्परिणाम को बता रहे हैं।  


क्रोधाद्भवति सम्मोहः सम्मोहात्स्मृतिविभ्रमः।स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥ 

(अध्याय 2,  श्लोक 63)


इस श्लोक का अर्थ है : क्रोध से उत्पन्न होता है मोह और मोह से स्मृति विभ्रम। स्मृति के भ्रमित होने पर बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि के नाश होने से वह मनुष्य नष्ट हो जाता है।


आपका दिन शुभ हो ! 


पुनीत कुमार माथुर 

ग़ाज़ियाबाद ।

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