नई दिल्लीः पुनीत माथुर। लखनऊ के पुराना हनुमान मंदिर में एक धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में काकोरी क्षेत्र के दुब्बगा से उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आए अलकायदा समर्थित संगठन के दो आतंकियों को 14 अगस्त तक छोड़ने के लिए कहा गया है।
रजिस्टर्ड डाक से इस पत्र को भेजने वाले ने साफ लिखा है कि 14 अगस्त तक दोनों आतंकियों को नहीं छोड़ा गया तो अंजाम बुरा होगा। आतंकियों को ना छोड़ने पर लखनऊ में अलीगंज पुराना हनुमान मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है।
इस धमकी भरे पत्र को भेजने वाले ने अपना नाम जोगिंदर सिंह खदरा लिखा है। पत्र भेजने वाले ने खुद को जेहाद समर्थक बताया हैं। रजिस्टर्ड पत्र भेजने वाले का नाम जोगिंदर सिंह, खदरा मदेयगंज लिखा है। धमकी की सूचना मिलने पर एटीएस समेत क्राइम ब्रांच जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
इतना ही नहीं पत्र में आरएसएस के भी कुछ दफ्तरों को भी निशाना बनाने की धमकी दी गई है। आरएसएस कार्यालय और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी धमकी दी गई है। लखनऊ में नए हनुमान मंदिर, अलीगंज के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि पत्र मिलने के बाद पुलिस को जानकारी दे दी है।
अब पुलिस ने यहां पर सुरक्षा को कड़ी करने के साथ ही पत्र के मामले की तहकीकात करने को कहा है। इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए मौके पर पुलिस पर तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम पड़ताल में लग गई हैं। मंदिर परिसर में तलाशी अभियान जारी है।
लखनऊ से उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीती 11 जुलाई को अलकायदा के आतंकी मॉडल अंसारुल गजवातपल के सक्रिय मिनहाज और मशीरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। इनको रिमांड पर लेने के बाद इनके कुछ साथियों पर भी शिकंजा कसा गया। अब इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच को एनआइए को सौंपा गया गया। गृह मंत्रालय ने केस ट्रांसफर को अपनी मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर सीरियल ब्लास्ट की तैयारी में लगे आतंकी संगठन पर शिकंजा कस गया है। यह आतंकी संगठन उत्तर प्रदेश में बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। लखनऊ से आतंकी मिनहाज और मशीरुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे होने के बाद जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
अब तक हुई जांच में सामने आया है कि दोनों ही आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन अलकायदा के मानव बम मॉड्यूल थे। इनको पाकिस्तान व अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर के जरिए निर्देश मिल रहे थे।
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