Shares
FacebookXSMSWhatsAppPinterestEmailSumoMe


नई दिल्ली : पुनीत माथुर । कोरोना पर की गई एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें वैक्सीनेशन की कोई आवश्यकता नहीं है।

पब्लिक हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स के एक ग्रुप का कहना है कि बड़ी संख्‍या में और अधूरे रूप से टीकाकरण कोरोना वायरस के नए वैरियंट्स के जन्म का कारण बन सकता है। इसलिए पहले संवेदनशील और जोखिम श्रणी वाले लोगों को टीका लगाया जाना चाहिए।

मौजूदा गाइडलाइंस के अनुसार, कोरोना संक्रमण के तीन महीने बाद टीका लगवाने की सलाह दी गई है। वैक्सीनेशन पर रिपोर्ट तैयार करने वाले इस समूह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य भी शामिल हैं। समूह ने सलाह दी है कि अभी हमें बड़े पैमाने पर लोगों के टीकाकरण की जगह केवल उन लोगों का वैक्‍सीन दी जानी चाहिए, जो संवेदनशील और जोखिम श्रेणी में शामिल हैं।

इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडमोलॉजिस्ट्स और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये उचित होगा कि सभी आयु वर्ग के लोगों की जगह महामारी संबंधी आंकड़ों को ध्‍यान में रखकर टीकाकरण के लिए रणनीति बनानी चाहिए। ये रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी गई है।

Share To:

Post A Comment: