नई दिल्ली​ : पुनीत माथुर। रविवार की रात जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के अगले ही दिन सोमवार तड़के करीब तीन बजे जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दो ड्रोन दिखे। हाई अलर्ट पर सुरक्षा बलों ने करीब 25 राउंड फायरिंग की, जिसके बाद दोनों ड्रोन आसमान में गायब हो गए। रात के अंधेरे में गायब होने के बाद दोनों ड्रोन की तलाश जारी है।​ वायुसेना स्टेशन पर हमले के मामले में शक की सुई पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की ओर भी घूम रही है​।​ इसे किसी भी भारतीय सैन्य ठिकाने पर पहला ड्रोन हमला माना जा रहा है​।​​​

​जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से सभी सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल की व्यापक तलाशी के बाद अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टीम ने विस्फोट स्थल के सबूत जुटाए हैं। साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम भी पूरे मामले की आतंकी एंगल से जांच कर रही है। 

नियंत्रण रेखा (एलओसी) के अग्रिम मोर्चों पर तैनात बॉर्डर सिक्युरिटी फ़ोर्स (बीएसएफ) ने जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। भारतीय वायु सेना भी इस घटना से जुड़े पहलुओं की जांच में जुटी है। साथ ही अम्बाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सबके बावजूद अगले ही दिन आतंकियों ने मिलिट्री स्टेशन पर भी हमला करने की कोशिश की है।

जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर आज तड़के करीब तीन बजे दो ड्रोन देखे गए। परमंडल चौक के पास पहला ड्रोन रात 11.30 और दूसरा रात 1.30 बजे दिखा। कालूचक में 68 सेना ब्रिगेड के संतरी ने एक ड्रोन को देखा, जिस पर त्वरित ढंग से ड्रोन को निशाना बनाते हुए 20 से 25 राउंड फायरिंग की गई लेकिन लक्ष्य चूक गया। इसका नतीजा यह रहा कि दोनों ड्रोन अंधेरे का फायदा उठाकर आसमान में गायब हो गए। सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। सेना इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चला रही है लेकिन अभी तक कोई बरामदगी नहीं हुई है।

जम्मू हवाई अड्डे के टेक्निकल एरिया यानी एयरफोर्स स्टेशन पर रविवार की रात को हुए दो धमाकों में ड्रोन का ही इस्तेमाल किया गया था। देश में पहली बार हुए ‘ड्रोन अटैक’ की पुष्टि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने की है। सिंह ने कहा है कि इस हमले की साजिश सीमापार से रची गई लेकिन इसे अंजाम सीमा के अंदर से ही दिया गया। इसीलिए एयरफोर्स स्टेशन पर एनआईए और एनएसजी की टीम टेरर एंगल से जांच कर रही है। 

यह भारत में अपनी तरह का पहला ड्रोन हमला है जिसका संभावित लक्ष्य परिसर में खड़े विमान थे। वायुसेना स्टेशन पर हमले के मामले में शक की सुई पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की ओर भी घूम रही है​।​ इसे किसी भी भारतीय सैन्य ठिकाने पर पहला ड्रोन हमला माना जा रहा है​।

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