नई दिल्ली। अगर आप एक ही मास्क को बिना धोए बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइये। क्योंकि इससे म्युकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों ने इस बाबत सलाह दी है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सूती कपड़े के मास्क को दोबारा पहनने से पहले दैनिक तौर से अवश्य धो लें, यह बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जून और जुलाई के महीने वातावरण में आर्द्रता बहुत कम हो जाती है। ऐसे में जब हम नाक से सांस लेते हैं तो उसके आगे मास्क लगे होने से मास्क के अंदर ओर मुंह से नमी बनी रहती है। मास्क को लगातार पहने रहने से इस नमी में कीटाणु पनपने लगते हैं जिससे फंगस के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। फिर नाक से शुरू हुआ यह फंगस धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को संक्रमित कर देता है। लिहाजा सूती मास्क हमेशा धुले हुए और साफ-सुथरे पहनने चाहिए। खासतौर से जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
लॉकडाउन के कारण अधिकांश नॉन कोविड रोगी अपने स्वास्थ्य संबंधी जांचों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। ऐसे में नियमित जांच नहीं कराए जाने से उन्हें अपनी इम्युनिटी और ब्लड में शुगर लेवल की मात्रा का पता नहीं चल पाता। म्यूकर माइकोसिस से बचाव के लिए ब्लड में शुगर की मात्रा की रेगुलर जांच कराना जरुरी है।
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