नई दिल्ली । पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत आज सुहागिनें बड़ी धूमधाम से मना रही है। आज पूरे उत्तर भारत में सुहाग के जोड़े में पूजा की थाली लेकर सुहागिनों ने वटवृक्ष (बरगद का पेड़) के चारों तरफ फेरे लगाकर पूजा कर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना की।
कोरोना काल के दौरान इस बार सुहागिनें कोविड नियमों का पालन करते हुए बरगद पेड़ की पूजा कर रही हैं। पूजा स्थलों पर पुलिस, महिला पुलिस की भी तैनाती रही और उन्हें कोविड प्रोटोकॉल के तहत पूजा कराने में अपनी अहम योगदान दिया। कुछ महिलाओं ने तो बरगद के पेड़ की डाल को घर में रखकर ही अपने व्रत को सम्पन्न किया है।
उल्लेखनीय है कि, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं। वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। यह व्रत भी एक कथा से जुड़ी हुई है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था। इस व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है।
वट सावित्री व्रत की तैयारियों को लेकर एक दिन पहले से ही सुहागिनें तैयारियों में जुट जाती हैं। सुबह उठकर पूजा सामग्री बनाती है। इसके बाद वह सजधज कर बरगज की पूजा करने जाती है। इसके बाद वह घर पर आकर कमरे के मुख्य द्वार की पूजा करती है। इसके बाद जल को ग्रहण करती हैं।
जानिए क्यों की जाती है बरगद के वृक्ष की पूजा
वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में बरगद का वृक्ष पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इस वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा शुभ मानी जाती है।
कानपुर में कोरोना काल में सुहागिनों ने कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए घरों में ही वट वृक्ष की पूजा अर्चना करके मां सावित्री से अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगा। साथ ही महिलाओं ने अपील भी कि कोरोना काल में सभी लोगों को कोविड नियमों का पालन करते हुए मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
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