राधे राधे 🌹🙏🏻🙏
आज का श्लोक मैंने लिया है श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय से।
तस्मादज्ञानसम्भूतं हृत्स्थं ज्ञानासिनात्मनः।
छित्त्वैनं संशयं योगमा-तिष्ठोत्तिष्ठ भारत॥
(अध्याय 4, श्लोक 42)
इस श्लोक का अर्थ है : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं) इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन! तुम हृदय में स्थित, अपने इस अज्ञानजनित संशय का, ज्ञान रूपी तलवार द्वारा छेदन करके (कर्म) योग में स्थित हो कर युद्ध के लिए खड़े हो जाओ।
सुप्रभात !
पुनीत कुमार माथुर
ग़ाज़ियाबाद
Post A Comment: