जय राधा मोहन 🌹🙏 


आज से मैं श्रीमद्भगवद्गीता के बारहवें अध्याय 'भक्ति योग' के कुछ चुनिंदा श्लोक आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ ..


मय्येव मन आधत्स्व मयि बुद्धिं निवेशय ।

निवसिष्यसि मय्येव अत ऊर्ध्वं न संशयः ॥

(अध्याय 12, श्लोक 8)


इस श्लोक का भावार्थ : (श्री भगवान अर्जुन से कह रहे हैं) - मुझमें मन को लगा और मुझमें ही बुद्धि को लगा, इसके उपरान्त तू मुझमें ही निवास करेगा, इसमें कुछ भी संशय नहीं है। 


शुभ प्रभात ! 


पुनीत कुमार माथुर  

ग़ाज़ियाबाद।

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