जय श्री कृष्णा 🌹🙏🏻


मित्रों आज का श्लोक मैंने लिया है श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे  अध्याय 'ज्ञानकर्मसंन्यासयोग' से।


ये यथा माँ प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्‌ ।

मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥

(अध्याय 4, श्लोक 11)


इस श्लोक का अर्थ है : हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूँ क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं। 


आपका दिन शुभ हो ! 


पुनीत कुमार माथुर 

ग़ाज़ियाबाद

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