नई दिल्लीः पुनीत माथुर। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए देश में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन की वैक्सीन लगाई जा रही हैं। अब रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी भी आ गई है।  जल्द ही इंट्रानैसल, नोवावैक्स, बायोलॉजिकल ई और गेनोवा टीका भी आने वाले हैं। 

वहीं लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस पर विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा करना सहीं नहीं है। क्यों कि दो वैक्सीन अलग फॉर्मूले पर बनी हैं और उनके  सॉल्ट भी अलग हैं । ऐसे में दूसरा टीका उसी कंपनी का लगवाना चाहिए, जिसका पहला लिया हो। इसके लिए कई देशों में ट्रायल भी चल रहा है। वैक्सीन की मिस्किंग का क्या असर होगा, इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है।

वैक्सीन की मिक्सिंग का असर जानने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया जा रहा है। रिचर्च में शामिल लोगों को फरवरी में Astrazeneca वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। वहीं दूसरी डोज़ Pfizer की  लगायी गई है। अध्ययनकर्ता ऐसे लोगों पर नज़र बनाए हुए हैं जिन्हें दो अलग कंपनियों की वैक्सीन लगी हैं लेकिन अभी तक कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।

उधर वैक्सीन की मिक्सिंग का एक मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में सामने आया है। यहां उमेश नाम के एक व्यक्ति को पहली वैक्सीन कोवैक्लीन लगी। उसे दूसरी डोज इसी कंपनी की लगनी थी। लेकिन गलती से दूसरा टीका कोविशील्ड का लग गया। इस पर जिले के सीएमओ एके श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक इसका  कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है।

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