नई दिल्लीः पुनीत माथुर। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज अब ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने को मिल रहा है। इस संक्रमण के कारण लोगों की आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा होता है। ब्लैक फंगस के संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्टरों ने लोगों से नाक की सफाई पर ध्यान देने की अपील की है।
जब कोई व्यक्ति डायबिटीज जैसी बीमारी से पीड़ित होता है तो इस वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा होता है। वैसे आमतौर पर यह वायरस गंदगी में पड़ा रहता है लेकिन जैसे ही ये म्युकोजा में नाक के अंदर आता है। तो एसिडिक एनवायरनमेंट मिलते ही यह सक्रिय हो जाता है। इसके बाद यह रक्त शिराओं पर बैठ जाता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित कर देता है।
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति में ल्युकोपिनीया होता है और व्हाइट सेल कम हो जाते हैं। जिसकी वजह से नाक की रक्त शिराओं पर यह वायरस अटैक करता है और शरीर में दुश्वारियां पैदा करने लगता है। इसलिए हमें नाक को साफ़ रखना चाहिए और उसे तरल पदार्थ से साफ़ करना चाहिए। ऐसा करने से हम इसके संक्रमण से बच सकते हैं।
आंखों और नाक के आसपास दर्द या लालिमा, साथ में बुखार, सरदर्द, खांसी, हांफना, खूनी उल्टी और मानसिक दशा में बदलाव इस संक्रमण के लक्षण हैं जो ब्लैक फंगस होने का इशारा करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फंगस 2-3 दिन नाक में रहता है और फिर आंख की ओर बढ़ता है। इस रोग में ऊपरी जबड़ा और कभी कभी आंख भी चली जाती है। कई बार इसका असर दिमाग तक भी हो जाता है।
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