नई दिल्लीः पुनीत माथुर। देश में कोरोना से बिगड़ते हालात के चलते 10वीं और 12वीं के लगभग 1 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने सरकार से बोर्ड परिक्षाओं को कैंसल करने या ऑनलाइन कराने का आग्रह किया है। 

बता दें कि इस साल 10वीं 12वीं की परीक्षाएं मई-जून महीने में होनी है। वहीं CBSE और CISCE के मुताबिक एग्जामनेशन सेंटर्स पर छात्रों के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से ट्विटर पर #cancelboardexams2021" ट्रेंड कर रहा है. CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया कि, “छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और सभी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील बनाया जा रहा है कि सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। 

स्टूडेंट्स की ओर से Change.org के जरिए एक याचिका में कहा गया है कि, भारत में कोरोना महामारी के चलते हालात लगातार खराब हो रहे हैं। जब देश में कुछ ही मामले थे, तो उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था और अब जब मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं तो स्कूल खोलने की बात कह जा रही हैं।  हम शिक्षा मंत्री से इस मामले को देखने और इस वर्ष आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द करने का आग्रह करते हैं क्योंकि छात्र पहले से ही बहुत तनाव में हैं। 

बता दें कि कई स्टूडेंट्स ने ट्विटर पर लिखा है कि, सरकार से कम से कम एक महीने के लिए परीक्षाएं स्थगित कर दे और फिर मामलों की संख्या के आधार पर आगे की समीक्षा करे। एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, "इस महामारी में छात्रों को पहले ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई थीं, इसलिए परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए या छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के माध्यम से प्रमोट किया जाना चाहिए।  

गौरतलब है कि आमतौर पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में आयोजित की जाती हैं और लिखित परीक्षा फरवरी में शुरू होती है और मार्च में समाप्त होती है। लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से, परीक्षा में देरी हुई जिन्हें इस साल मई-जून में कराने का फैसला लिया गया था।

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