फ़ोटो साभार : पत्रिका |
बता दें कि हिंडन स्थित श्मशान घाट पर शुक्रवार देर शाम तक 60 शवों की अंत्येष्टि की गई, जिनमें 20 शव कोरोना से मरने वाले लोगों के थे। जबकि प्रशासन ने कोरोना से मरने वालों की पुष्टि नहीं की है। वैसे तो हिंडन श्मशान में कुल 62 प्लेटफार्म हैं, जिनमें 9 इलेक्ट्रिक, 12 ट्रे वाले 41 जमीन वाले शामिल हैं।
इसके बावजूद शुक्रवार को 60 शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को कई-कई घंटे का इंतजार करना पड़ा। इसके पीछे की वजह पूछी गई तो बताया गया कि प्लेटफार्म से पूर्व में हुए अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां नहीं उठने के कारण परेशानी हुई है।
दरअसल, हिंडन नदी तट पर बने श्मशान घाट में एकाएक अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या बढ़ने लगी है। यहां पर अंतिम संस्कार के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन जब कुछ लोगों ने शवों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट से अलग करना शुरू किया तो टोकन सिस्टम भी फेल होता नजर आया।
हालांकि यहां पर कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने के लिए अलग व्यवस्था की गई है और सामान्य मौत होने वाले शवों का अंतिम संस्कार अलग किए जाने की व्यवस्था है।
पिछले 2 दिन से यहां पर शवों की लंबी लाइन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में किस तरह की स्थितियां यहाँ बन जाएंगी।
Post A Comment: