नई दिल्ली : पुनीत माथुर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सरहदों की सुरक्षा करने के साथ ही वक्त-वक्त पर अपने मानवीयता की मिसाल पेश करता रहा है। राजस्थान के बाड़मेर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक नाबालिग के गलती से प्रवेश कर जाने पर बीएसएफ के जवानों ने न सिर्फ मानवीय पहलू की बानगी पेश की बल्कि उस बच्चे को सकुशल उसके मुल्क भी विदा कर दिया।
दरअसल, बीते शुक्रवार की शाम भारत-पाकिस्तान की राजस्थान के बाड़मेर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी नाबालिग गलती से प्रवेश कर गया। रास्ता भूल जाने के कारण नाबालिग जोर-जोर से रोने लगा जिसकी आवाज सुनकर बीएसएफ के 83 बटालियन के जवान पहुंचे और बच्चे से बात-चीत करने के बाद पाकिस्तानी जवानों को इसकी सूचना दी । उसके बाद करीब दो घंटे बात-चीत करने के बाद बीएसएफ ने नाबालिग को सही सलामत पाकिस्तान के जवानों को सौंप कर मानवीयता का परिचय दिया।
रास्ता भूल जाने के कारण घुसा बच्चा
बीएसएफ के प्रवक्ता कृष्णा राव ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम करीब सात बजे पाकिस्तान से लगती बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक आठ वर्षीय बच्चे की रोने की आवाज सुनकर बीएसएप के जवानों ने उसे पकड़ा। वह भारतीय सीमा में सीमा चौकी सामरोद बीओपी (बॉर्डर प्वाइंट 889/1) पर पहुंच गया था। शुरूआती पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम अब्दुल (बदला हुआ नाम) बताया और कहा कि वह पाकिस्तान के थारपारकर जिले के नागरपारकर तहसील का रहने वाला है।
भोजन करवाने के बाद भेजा घर
प्रवक्ता के अनुसार, बीएसएफ के जवानों ने प्यार से बच्चे से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह गलती से सीमा पार कर भारत में आ गया। बीएसएफ जवानों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। उसके बाद पाकिस्तानी जवानों को इसके बारे में इत्तला किया। इस बीच बीएसएफ के जवानों ने बच्चे को पानी पिलाया और उसे भोजन करवाया। बीएसएफ ने दो घंटे पाकिस्तान जवानों के साथ फ्लेग मीटिंग कर बच्चे को सही सलामत पाकिस्तान को सौंप दिया।
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