बदलते मौसम लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसमें आपको कई बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। इस मौसम में ज्यादातर लोगों में सर्दी-खांसी और वायरल बुखार की शिकायत रहती है। वायरल बुखार (मौसमी बुखार) होता है और कुछ दिनों के बाद ठीक हो जाता हैं। अगर यह बुखार न जाये तो इस हल्के में न लें। आमतौर पर इस तरह के बुखार वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है, जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उन लोगों को मौसम में बदलाव आते ही इस तरह का बुखार हो जाना बहुत ही सामान्य होता है। हालांकि इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आइये जानते हैं वायरल बुखार के बारे में।

वायरल बुखार का मुख्य कारण मौसम में बदलाव आना होता है। बदलते मौसम में इसके वायरस उत्पन्न होते हैं। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनका शरीर इन वायरस से मुकाबला नहीं कर पाता है, लिहाजा उन्हें बुखार और सर्दी जुकाम जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। बुखार होना, एक तरह की सुरक्षात्मक क्रिया है, जब आप किसी वायरस के संपर्क में आते हैं तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर का तापमान बढ़ा देती है ताकि वायरस का प्रभाव कम हो जाए।

वायरल बुखार से बचाव के उपाय

वायरल बुखार कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि इससे होना वाली समस्याओं को ठीक करने के लिए

डॉक्टर आपको कुछ दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं।

वायरल बुखार में शरीर को ज्यादा से ज्यादा आराम दें।

अगर आपके गले में खराश या दर्द है तो हल्के गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना काफी फायदेमंद होता है।

गले के दर्द को ठीक करने के लिए हल्के गर्म पानी में शहद और नमक डालकर भी गरारे कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

शरीर में पानी की कमी होने से रोकने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करें, थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें।

अगर आपकी नाक बंद है तो भाप लेने से भी फायदा मिलता है।

बुखार होने पर घर से बाहर न निकलें, चूंकि यह संक्रमण के कारण होने वाली समस्या है ऐसे में दूसरे लोगों को भी संक्रमण होने का डर रहता है।

बुखार में हम अक्सर खुद से ही दवाइयों का सेवन करने लगते हैं, ध्यान रखें शरीर की आवश्यकता के हिसाब से ही दवाइयां लें।

बिना डॉक्टर के सलाह के किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन न करें।

डॉक्टर से कब मिलें ?

वैसे तो बताए गए उपायों को प्रयोग में लाने से वायरल बुखार ठीक हो जाता है, लेकिन यदि शरीर का तापमान लगातार 103 डिग्री फारेनहाइट या उससे अधिक बना रहे, सिर में तेज दर्द हो, एक हफ्ते तक बुखार सही न होना तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। इसके अलावा छाती में दर्द होने, मल में खून आने, त्वचा पर चकत्ते होने या बार-बार उल्टी आने की दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

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