जय श्री राधे कृष्ण🌹🙏 


मित्रों आज श्रीमद्भगवद्गीता के दसवें अध्याय 'विभूति योग' से   यह श्लोक प्रस्तुत है .....


महर्षयः सप्त पूर्वे चत्वारो मनवस्तथा ।

मद्भावा मानसा जाता येषां लोक इमाः प्रजाः ॥

(अध्याय 10, श्लोक 6)


इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कह रहे हैं )- सातों महान ऋषि और उनसे भी पहले उत्पन्न होने वाले चारों सनकादि कुमारों तथा स्वयंभू मनु आदि यह सभी मेरे मन की इच्छा-शक्ति से उत्पन्न हुए हैं, संसार के सभी लोकों के समस्त जीव इन्ही की ही संताने हैं।


सुप्रभात ! 


पुनीत कुमार माथुर  

ग़ाज़ियाबाद

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