नई दिल्लीः पुनीत माथुर। चर्चित बिकरुकांड में सोमवार को एसटीएफ ने खुलासा किया है। इस कांड के मुख्य आरोपित एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे की मदद करने वाले सात मददगारों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। इनके कब्जे से असलहों का जखीरा बरामद हुआ है।

अपर पुलिस महानिदेशक प्रेसवार्ता कर इसकी पुष्टि की

अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने कानपुर के एसटीएफ कार्यालय में प्रेसवार्ता कर इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि विकास दुबे की मदद करने वाले सात मददगार कानपुर देहात निवासी विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला,रामजी उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, मध्य प्रदेश के मनीष यादव और कानपुर देहात के संजय परिहार, शुभम पाल को गिरफ्तार किया है।

एसटीएफ ने बरामद की कार

इनके कब्जे से एसटीएफ को एक सेमी ऑटोमैटिक राइफल, 9 एमएम कार्बाइन, एक रिवॉल्वर, 315 बोर के तमंचे, एके-47 के कारतूस, स्प्रिंग फील्ड राइफल समेत करीब 132 कारतूस बरामद किए हैं। विकास दुबे का आईफोन, अमर और प्रभात के मोबाइल, दो लाख पांच हजार नगद मिले हैं। साथ ही एसटीएफ ने वह कार भी बरामद कर ली है, जिससे विकास दुबे घटना को अंजाम देने के बाद फरार हुआ था। पूछताछ में यह भी पता चला है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें एक व्यक्ति के घर पर विकास दुबे दो दिन तक रहा है।

ये था मामला

उल्लेखनीय है कि, जनपद चौबेपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई 2020 की देर रात को दबिश पर गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद ही विकास दुबे रात में ही भागकर अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था।

मध्य प्रदेश पुलिस ने किया था विकास दुबे को गिरफ्तार

पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह के बाद ही ​मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी एसटीएफ के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि उसके कई साथी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस मामले में 36 लोग जेल में हैं।

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