नई दिल्लीः पुनीत माथुर। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर बने अवैध धार्मिक स्थल को हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार का एक्शन तेज हो गया है। यूपी के बाराबंकी जिले से इसकी शुरुआत भी हो गई है। 

जिला प्रशासन ने सड़क के बीचों-बीच बनी एक मजार और पकरिया के पेड़ को हटवाया दिया है। आपसी सहमति के बाद आधी रात को शहर के बीचों-बीच बनी पकरिया के पेड़ वाली मजार को रास्ते से हटाकर अब दूसरी जगह स्थापित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक सड़कों पर एक जनवरी 2011 और इसके बाद बने हुए धार्मिक निर्माण को हटाने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में अवैध धार्मिक स्थलों की संख्या पिछले 10 साल में काफी ज्यादा बढ़ गई है। इन अवैध धार्मिक स्थलों को अब योगी सरकार ने हटाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। 

जनवरी 2011 के बाद सड़क किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थलों को निजी स्थानों पर शिफ्ट कराया जाएगा।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद गृह विभाग की ओर से सभी जिलों के आला अधिकारियों को अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिये थे। आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण होने पर संबंधित जिला अधिकारी को ही दोषी माना जाएगा। इसी क्रम में बाराबंकी जिला प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू की है।

शासन से आये आदेश के बाद बाराबंकी जिला प्रशासन आनन-फानन में एक्शन में आ गया और सरकार के आदेश का पालन करने की शुरुआत करने वाला प्रदेश का पहला जिला बाराबंकी बन गया है। यहां सड़क किनारे बने मंदिर-मस्जिद और मजार को हटाये जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

बाराबंकी जिले की तहसील फतेहपुर शहर के बीचो-बीच बनी पकारिया के पेड़ वाली मजार को प्रशासन ने आधी रात को रास्ते से हटा दिया है। मजार को अब ईदगाह के पास विस्थापित किया जाएगा। 

प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक करके सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। इसके अलावा भी जिले के तमाम धार्मिक स्थल जो सार्वजनिक स्थानों पर बने हैं उसकी भी नाप-जोख का काम शुरू करा दिया गया है।

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